बर्थडे गिफ्ट
बर्थडे गिफ्ट


घर का काम इतना है,कि पूछो मत ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेता है !
" बुदबुदाते हुए खुशबू अपना आखरी काम कर रही थी,लगभग दोपहर के एक बजने वाले थे, अबपरी को भी स्कूल से लाने का वक़्त हो चला था,
उसने जल्दी जल्दीघर के काम को निपटाकर परी को लेने चल पड़ी !
आज धुप भी बहुत तेज़ है,बड़बड़ाते हुए घर से निकली !
परी की बस सड़क पर एक बजे पहुंच जाती है,सड़क घर से मुशिकल से 50 मीटर होगा !
फिर भी धुप को कोसते हुए वो सड़क पर पहुंची, सड़क पर कुछ लोग और भी खड़े थे !
जो अपने अपने बच्चो को लेने के लिए आये थे !
अभी खुशबू को बस स्टैंड परपहुंचे दो मिनट भी नहीं होंगे कि वो वहां खड़ी औरतो से शिकायत भरे लहजे में बोली
" किसी को भी दूसरे के टाइम की वैल्यू ही नहीं है,इतने देर हो गए है, school बस अभी तक नहीं आई लगता है,कि आज धुप में लोग जल जायेंगे तब बस आएगी !
दूर से बस आते देख किसी ने कहा "दीदी आप धुप में जलने से बच गई, देखो बस आ गई !
खुशबू - आ क्या गई ! कितना लेट हो गया !
बस रुकी और सब अपने अपने बच्चो को लेकर घर को चल दिए !
खुशबू भी परी को लेकर परी से बात करते हुए घर को चल दी !
खुशबू - परी आज स्कूल में क्या क्या हुआ,आपने अपना लंच फिनिश किया !
परी - हां मम्मी खाना खा ली,ऑल तोला सा खाना अपने फलेंड को भी दी !
खुशबू - अच्छा जी ! स्कूल में और क्या क्या हुआ !
परी - मम्मी पलहाइ हुई,ऑल मम्मी कल मेले फलेंड का बर्थडे है,उच्चकेलिए गिफ्ट लेना है !
अच्छा बेटी घर घर चलो कल गिफ्ट ले जाना उसके लिए !
परी - ओके मम्मी ...
घर पहुंच कर खुशबू ने परी की स्कूल की ड्रेस बदलकर घर के कपडे पहनाये, फिर उसे खाना खिलाई और खुद भी खाई !
ये सब ख़त्म करते करते लगभग दो बज गए थे, उसके बाद वो परी को सुलाने चली गई और खुद भी परी के साथ लेट गई,तभी याद आया कि
दिपक ( खुशबू के पति ) को कॉल कर लू,और बता दू कि
परी के स्कूल में किसी का बर्थडे है,तो कोई अच्छा गिफ्ट ले आये, जब ऑफिस से घर आये तब !
खुशबू ने दीपक से कॉल करके बाते की और सब बताई,और बोली कि याद करके वो कोई गिफ्ट ले आये !
दीपक ने भी हामी भर दी कि वो ऑफिस से आते वक़्त कोई गिफ्ट ले लेगा !
शाम हुई, परी और खुशबू सोकर उठे,खुशबू ने परी को फ्रेश कर कुछ बिस्किट खिला कर परी को होमवर्क कराने बैठ गई !
होमवर्क ख़त्म करवाकर वो रात का खाना बनाने में जुट गईं !
और परी टीवी देखने लगी, तभी दीपक घर पंहुचा !
खुशबू - आ गए जी ! हाथ पैर धो लीजिये मैं चाय बना देती हू !
दीपक हाथ पैर धोकर रूम में आया और परी के साथ खेलने लगा !
तभी खुशबू चाय लेके आई,और दीपक को चाय का कप देते हुए पूछी," आप परी का गिफ्ट तो लाये है ना "
ये सुनकर दीपक चुप हो गया, दीपक को समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या बोले, घर आने की जल्दी में वो गिफ्ट लाना भूल गया था !
दीपक को लगा कि आज तो पक्का घर पर महाभारत होने ही वाला है,
डरते डरते चाय की चुस्की लेते हुए उसने सब सच बता दिया कि ऑफिस से घर आने की जल्दी में वो गिफ्ट लाना भूल गया !
जैसा की दीपक को डर था,ऐसा कुछ नहीं हुआ, दोनों ने समझदारी दिखाई और घर पर पड़े खाली डब्बो और पुराने कपड़ो से एक बहुत अच्छा गिफ्ट तैयार किया !
ये गिफ्ट मार्किट के गिफ्ट से ज्यादा अच्छा था !
उन्होंने एक पुराने डब्बे को काटकर उसे एक बॉक्स का रूप दिया, उसपर रंग बिरंगी टेप लगाकर बहुत सुन्दर बनाया !
उसके अंदर पुराने कपड़ो से बने दो मुस्कुरातेहुए चेहरे बनाकर उसमे रख दिया,ये चेहरे बॉक्स के साथ स्प्रिंग से जुड़े हुए थे, जब भी बॉक्स खोलो तो वो मुस्कुराताचेहरा बॉक्स से बहार आता था ! ये गिफ्ट देखने में बहुत अच्छा लग रहा था,
अगली सुबह परी को वो गिफ्ट देकर स्कूल भेजा गया !
ये गिफ्ट सबको पसंद आया और सबने हाथ से बने इस गिफ्ट की खूब तारीफ़ की .........