लाशो का रेप
लाशो का रेप


रात के करीब 12 बजे होंगे उस रात ठण्ड भी अपने चरम पर थी स्ट्रीट लाइट की रौशनी में कुहासे को नंगी आँखों से देखा जा सकता था रात में बस कुत्तो के भोकने की आवाजे ही गूंज रही थी जो उस रात के सन्नाटे को चीरती हुई और भी ज्यादा मनहूस लग रही थी वो डरावनी रात किसी आम इंसान की तो दिल की धड़कन को बंद करने का आसान रास्ता था समझ लीजिये
इसी ठण्ड में एक 18 - 20 साल का लड़का रियाज तन पर एक कुरता पहने ऊपर से एक चादर ओढ़े भूखे प्यासे अपने गाव सरगोधा (पाकिस्तान का एक गाव सरगोधा) से कुछ कमाने की आस में कराची आ पंहुचा था , उस रात कही कुछ ठिकाना न मिलने के कारण वही ख़ाली पड़ी जगह पर पेड़ की ओट लेके सो गया !
सुबह उसकी हालत बहुत ख़राब हो गई थी ठण्ड और भूख ने उसे बेतहासा कर दिया था तभी वहां एक आदमी आया उसके हाथो में एक चाय की गिलास थी उसने आकर रियाज से कहा उठिये जनाब आप ठीक तो है , रियाज ने कापते आवाज में बोला हां भाई जान अब तक तो सब खैरियत है अल्ला ने चाहा तो आगे भी खैरियत होगा .
उस आदमी ने रियाज की तरफ चाय की गिलास को बढ़ाते हुए बोला फ़िक्र न करो मिया अल्ला सब ठीक ही करेगा ये चाय पियो और बताओ की तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रहे हो यहाँ पहले कभी तुमको नहीं देखा ?
ये सब सुनकर रियाज ने चाय की चुस्की लेते हुए पूछा आप कौन है ?
उस आदमी ने कहा मेरा नाम वजीरा है मैं यही पास के कब्रिस्तान में काम करता हु आपको यूँ सर्दी में ठिठुरते देख चला आया ,
रियाज की आवाज अब ठीक हो चली थी चाय की गर्माहट ने रियाज के ठन्डे होते खून में नयी गर्मी पैदा कर दी थी , रियाज ने अपने हाथो को ऊपर करते हुए कहा रहमत हुई उस खुदा की जो आपको मेरे पास भेज दिया ,वजीरा भाईजान मैं रियाज हु , सरगोधा का रहने वाला हु घर की हालत अच्छी ना होने के कारन मैं काम की तलाश में कराची आ गया कल से भूखा हु सोच रहा था कही काम मिल जाता और रहने का आसरा तो अच्छा होता !
वजीरा ने कहा अरे तो समझिये भाईजान आपका काम हो गया मैं आपको भी यही कब्रिस्तान में काम पर लगवा देता हु और आप यही रह भी सकते है
रियाज राजी हो गया वजीरा ने बात कर के रियाज को कब्रों पर पानी देने के काम पर लगा दिया अब दोनों एक साथ रहने लगे और अपना काम करने लगे
कुछ दिन बड़े अच्छे से बीत गए पर एक दिन रियाज ने वजीरा को कब्र से निकलते हुए देखा ,ये कब्र बिलकुल नयी थी आज ही शाम एक 30 साल की औरत की मौत के बाद बनाई गई कब्र थी
रियाज ने उत्सुकता के साथ वजीरा से पूछा तो वजीरा ने उसे सब बता दिया सारी बाते सुन कर रियाज को बहुत आश्चर्य हुआ साथ ही बहुत ही खुसी भी हुई मानो कोई खजाना मिल गया हो
वजीरा ने रियाज को बताया की जब इस कब्रिस्तान में किसी लड़की या औरत की लाश आती है तो वो कोशिश करता है की लाश को दफ़नाने में शाम कर दे और फिर रात होने तक उस लाश के सगे सम्बन्धी सब चले जाते है तो वजीरा रात को कब्र को खोदकर लाश के पैरो के साइड से पथरो की सिल्लियो को खिसककर अंदर जाता है और उस लाश के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता है , ये बात सुनकर रियाज के अंदर बहुत सी विचार उमड़ने लगे उसका भी मन इन गलत विचारो पर टिक गया और वो सोचने लगा की क्या ये ठीक है तभी वजीरा ने कहा.... कहा खो गए भाईजान ...?
रियाज ने अपने विचारो को छिपाने की कोशिश में लड़खड़ाते हुए बोला न.. न... नहीं कुछ नहीं ..
वजीरा ने कहा अरे मिया बता भी दो आपके मन में क्या चल रहा है ?
रियाज ने कहा वजीरा भाईजान ये गलत नहीं है डर नहीं लगता आपको अल्लाह क्या कहेगा ....?
वजीरा ने कहा बेटा कब्रिस्तान में रह के ऐसी बात कर रहे हो एक बार कर के तो देखो मुर्दो के साथ तुम सब भूल जाओगे तब अल्ला याद नहीं आएंगे तुम्हे कह कर वजीरा तेज़ तेज़ हसने लगा ...
उस काली अँधेरी रात में वजीरा की आवाज किसी शैतान से कम न थी वो तो होनी ही थी ऐसी हैवानियत करने वाले इंसान का दिमाग कैसा होगा
वजीरा की बाते सुनकर रियाज के मन की उत्सुक्ता और बढ़ गई !
रियाज ने कहा वजीरा भाईजान अगली बार मै भी आपके साथ चलूँगा ,
वजीरा ने रियाज के कंधे को थपथपाते हुए बोला ये हुई न बात देखना बेटे तुम्हे हूरो की याद न दिला दी तो कहना
बस क्या था रियाज के मन दिमाग सब जगह वही ख्याल उमड़ने लगे अब वो दिन रात उस पल के इंतज़ार में रहता ,उसे डर भी लगता उस पल से और उस पल का इंतज़ार भी बेसब्री से करता !
उस कड़ाके की ठण्ड में शायद रियाज को ऐसा महसूस होता की साथ के साथ भी सुख की अनुभूति हो सकती है ,
कुछ ही दिनों बाद दोनों की बेसब्री खत्म हुई करीब इस बात के महज ही 5 दिन बीते थे कि दोपहर के 2 बजे एक लाश आई वो लाश करीब करीब 40 वर्षीय महिला की रही होगी जिसकी मौत हार्ट अटैक से पिछली रात हुई थी , उस लाश को दफनाते दफनाते करीब 5 बज गए सब रिस्तेदार भी रो धो कर अँधेरा होने तक घर की तरफ चल दिए करीब 7 बजे होंगे .
वजीरा के तो लॉटरी निकल गई थी पर रियाज अब भी उधेड़ बून में फसा था क्या सही है और क्या गलत ...साथ ही साथ डर था मन में वो किसी लाश के साथ रेप कैसे कर सकता है वजीरा ने रियाज से कहा अरे रियाज अब तू बच्चा नहीं है कि तू हर बात से डरेगा एक बार चल के तो देख हूर याद ना याद आ जाये तो कहना ....वजीरा के समझाने पर वो राजी हो गया !
दोनों रात होने के इंज़ार में जगे रहे करीब 12 बजे होंगे रियाज को नींद की झपकियों ने घेर लिया पर वजीरा ने उसे जगाके उसे चाय का कप हाथ में थमाते हुए बोला , तैयार हो जाओ जनाब वक़्त आ गया नींद में ही रियाज ने बोला उम्म्म्ह...अरे भाईजान ये जरुरी है क्या ..???
वजीरा ने गुस्सा के बोला ...नहीं आप आराम करो मैं जा रहा हु ...वजीरा ये बोलते हुए चल पड़ा तभी रियाज ने पीछे से आवाज लगाई रुको भाईजान आता हु ये कहकर रियाज अपनी चाय जल्दी जल्दी पिने लगा और दूसरी तरफ वजीरा अपनी लालची मुस्कान से रियाज को देख मुस्कुरा रहा था ..
उस ठंडी रात में दोनों अपने शिकार की ओर चल पड़े हाथ में एक लाठी और दूसरे हाथ में एक टोर्च लिए वजीरा आगे आगे चल रहा था वही उसके पीछे रियाज अपनी शॉल को ठीक करता निकल पड़ा दोनों ने अपने सर पर कपड़ा बांध रखा था की वो खुद को सर्दी की ठण्ड हवाओ से बचा सके !
आखिरकार वो दोनों उस कब्र के पास पहुंच गए थोड़ी देर मसक्कत करने के बाद वजीरा और रियाज कब्र के निचे की तरफ से पत्थर की सिल्लियां खिसकाने में कामयाब हो गए इस काम से दोनों को सर्दी का एहसास कम हो रहा था पर अब भी रियाज कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वो क्या करे ...
वजीरा टोर्च लेकर कब्र के अंदर चला जाता है और रियाज को ये बोल कर जाता है की ध्यान रखे कुछ प्रॉब्लम होने पर तुरंत बताये रियाज वही कब्र के बाहर वजीरा का इंतज़ार करता रहता है ..
और कब्र के अंदर से हलकी हलकी वजीरा की आवाजे आती है जो रियाज को वजीरा की मदहोशी को बयां करती है ...
ये आवाज सुन कर रियाज भी पूरी तरह से तैयार हो जाता है करीब 20 मिनट्स रियाज के इंतज़ार करने के बाद वजीरा उस कब्र से बाहर आता है और अपने कपड़ो पर लगी मिटटी को झाड़ते हुए कहता है ...मज़ा आ गया रियाज भाई जान आप भी जाओ और मज़े लेलो...!
रियाज भी जाने को उत्सुक था इस बार लाठी लिए वजीरा कब्र के बाहर खड़ा था और रियाज कब्र में टोर्च लेकर घुस चूका था रियाज ये सब पहली बार कर रहा था वो उस लाश के साथ इस कदर खो गया कि वो थोड़ी देर के लिए ये भी भूल गया की वो कोई जिन्दा लड़की नहीं वो एक लाश है ...
अपनी हवस को पूरा कर रियाज भी करीब करीब 30 मिनट्स में बाहर आ गया !
बाहर आते ही वो अभी अपने कपड़ो पर लगी मिटटी को झाड़ ही रहा था कि वजीरा ने कहा ... क्या भाईजान कैसी लगी ..?
रियाज ने सरमाते हुए कहा ..सही कहा था भाईजान आपने ...मुझे तो जन्नत के दीदार हो गए आपके बदोलत..
फिर क्या था दोनों ने एक दूसरे के कंधो पर हाथ रखा और हस्ते हुए अपने घर की तरफ चल पड़े !
अब क्या था उनके मुँह तो अब खून लग चूका था बस अब दोनों किसी भी लड़की या औरत की लाश का इंतज़ार करते और उसे शाम तक दफ़नाने की कोशिस करते और रात होने पर फिर से वो अपनी हैवानियत को अंजाम देते !
इसी तरह दिन बीतते रहे और करीब 4 साल बाद वजीरा की रहयमय तरीके से मौत हो गई किसी को पता भी नहीं चला कि आखिर वजीरा को हुआ क्या था ..!
दिन बितते रहे अब रियाज अकेला हो गया था और इसलिए वो ये सब करना बंद कर दिया था !
पर 6 महीने बाद अचानक एक 20 साल की एक लड़की की लाश आई लड़की की लाश बहुत खूबसूरत थी जिसे देखकर रियाज के अंदर का शैतान फिर से जाग उठा था रियाज ने सब प्लान कर लिया कि आज रात फिर उसी काम को अंजाम देगा जो पहले वो वजीरा के साथ किया करता था !
लाश को शाम होने तक कब्र में दबाकर सारे लोग अपने अपने घर चल दिए फिर क्या था..रियाज रात होने का इंतज़ार करने लगा ...
रात के करीब 1 बजे होंगे रियाज एक टोर्च और मिटटी हटाने का औज़ार लेकर उस कब्र पर पहुंच गया और वो मिटटी को हटाकर कब्र की सिल्लियो को हटा दिया और लाश के पैरो की तरफ से कब्र में अंदर घुस गया ...
आज वो बहुत कुछ सोच के गया था पर.....? पर अंदर जाते ही रियाज को लड़की की लाश की आँखे खुली नज़र आई और उसके दांत चमक रहे थे उस लाश की आँखों से एक रौशनी निकल रही थी जिसे रियाज बर्दाश नहीं कर पा रहा था ये सब देख रियाज मानो पागल सा होने लगा ..
रियाज किसी भी तरह उस कब्र से निकल कर बेतहाशा चिल्लाता हुआ शहर के घरो की तरफ भागने लगा उसकी दिमागी हालत बिलकुल ख़राब थी उसकी आवाज सुनकर लोगो ने उसे पकड़ा और उसके चिल्लाने का कारण पूछा ....?
रियाज ने सारी बाते खुलकर सबको बता दिया किस तरह वो और उसका दोस्त लड़कियों और औरतो के लाशो के साथ रेप करते थे अब तब 300 से ज्यादा रेप कर चुके थे ...!
और आज भी रियाज एक लड़की की लाश के साथ वही हैवानियत करने गया था पर उसके चमकते हुए दांत और आखों से निकलती हुई रौशनी को देखकर वो डर गया और बेतहाशा पागलो की तरह भागने लगा ..
रियाज की हैवानियत की बाते सुनकर वहां के लोग उसे मारने को चढ़ बैठे कई लोगो ने उसे लातो और घुसो से पिटाई की पर आखिरकार उसको पुलिस कस्टीडी में भेज दिया गया ...!
आज ये रियाज जिन्दा है या नहीं पागल हो गया है या ठीक है किसी को कुछ नहीं पता ये भी अपने दोस्त की तरह गुमनाम हो चूका है....