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Neelam Sony

Romance Inspirational

3  

Neelam Sony

Romance Inspirational

बिश्नपुर_खादर_9

बिश्नपुर_खादर_9

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रज़िया बावर्चीखाने में खाना बनाने के लिए चली गई..... चुंकि अंजलि भी साथ थी तो शाकाहारी खाना ही बनना था.... अंजलि को दो दो पराए लड़कों के साथ अजीब लग रहा था तो वो भी रज़िया के साथ बावर्चीखाने में हाथ बंटाने लगी..... 


पीछे वाले कमरे में अम्मी अब्बू का बड़ा बेड था तो रज़िया ने खाना वही लगाना शुरू कर दिया….. अपने और सलमान के लिए एक ही प्लेट लगाई उसने... अब एक तरफ रज़िया और सलमान बैठे थे और दूसरी तरफ़ अंजलि और जावेद... बीच बीच में रज़िया और सलमान एक दूसरे के मुंह में कौर डाल देते...


"ऐसा करने से प्यार बढ़ता है...." रज़िया सलमान के मुंह के कौर डालते हुए बोली.... "तुम भी खिलाओ एक दूसरे को...."


"अजी हम तो तैयार हैं, बस मालिक साहब की इजाज़त चाहिए...." जावेद हंसते हुए अंजलि की तरफ देखकर बोला.... 


अंजलि ने कोई जवाब नहीं दिया तो जावेद ने अगला कौर उसके मुंह की तरफ बढ़ा दिया... अंजलि ने मुंह घुमाने की कोशिश की तो जावेद ने दोस्ती का वास्ता देकर खिला दिया... दो तीन बार ऐसा ही किया उसने...


"अब एक बार आप भी अपने सुंदर हाथों खिला दीजिए हजूर... हमारी भी रूह तृप्त हो जाए..." जावेद ने हंसते हुए कहा...


"खिला दे, खिला दे... खाना खिलाना तो सबाब का काम है...." रज़िया ने भी जावेद का साथ दिया... अंजलि ने छोटा सा कौर तोड़ कर जावेद की तरफ़ बढ़ा दिया... उसकी आंखें अब भी झुकी हुई थी...


"जिंदगी भर की भूख मिट गई.... बहुत बहुत शुक्रिया" जावेद ने अंजलि के आगे झुकते हुए कहा... अंजलि अब अपने आप को किसी फिल्मी नायिका से कम नहीं समझ रही थी... ऐसे हंसते बोलते खाना ख़त्म हुआ.... रज़िया बर्तन उठाने लगी... जब अंजलि ने भी साथ बर्तन उठाने की कोशिश की तो रज़िया ने मना कर दिया....


" मैं और सलमान उठा लेंगे, तुम दोनों बैठो..." 


बर्तन रखने के बाद सलमान दूसरे कमरे में चला गया... रज़िया वापस आकर बोली " तुम दोनों यहां ही आराम करो, हम उधर कर लेते हैं.."


अब कमरे में जावेद और अंजलि अकेले थे... जाते जाते रज़िया ने दरवाजा ढुका दिया....


"आज आप ने मेरी बहुत पुरानी ख्वाहिश पूरी कर दी... बहुत बहुत शुक्रिया..." जावेद बोला...


"ऐसा क्या कर दिया मैंने...." 


" इस नाचीज़ की दोस्ती कबूल करके जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया है आपने..."


"हम्म..."


"एक बात कहनी है आपसे..."


"जी कहिए...."


"पहले आप वादा कीजिए कि आप बुरा नहीं मानेंगी...."


"नहीं मानूंगी..."


"वादा....???" जावेद हाथ आगे करते बोला...


"वादा...." अंजलि हाथ पर हाथ रखकर बोली...


"मैं आप से बहुत प्यार करता हूं ..." जावेद ने उसका हाथ दोनों हाथों में लेते हुए कहा...


अंजलि ने शरमा कर आंखें झुका लीं.... जावेद ने कोई विरोध ना होते देख अंजलि को आगोश में भर लिया.... अंजलि भी सहमत दिखी.... रज़िया और सलमान दुसरे कमरे में मस्त थे.... तभी उठकर जावेद ने दरवाज़े की कुंडी लगा दी.... अंजलि ने हल्का सा विरोध करने की कोशिश करी लेकिन कर नहीं पाई...


उधर जब रज़िया और सलमान अपने कमरे से बाहर आए तो उन्होंने अंजलि जावेद वाला कमरा अंदर से बंद पाया.... दोनों बाहर ही चारपाई पर बैठ गए... थोड़े समय बाद जावेद अंदर से कपड़े ठीक करते बाहर आया... जावेद और सलमान चले गए... 


जब रज़िया अंदर गई तो अंजलि बदहवास हालत में बैठी थी... रज़िया भी उसके पास बैठ गई... फिर आगोश में लेकर उसे कुछ समझाने लगी.... 


दो दिन तक अंजलि कालेज नहीं गई.... फिर सबकुछ सामान्य रूप से चलने लगा.... अब रज़िया अंजलि को जब तब जावेद का नाम लेकर छेड़ देती तो अंजलि शरमा जाती.... 


अब जब कभी भी रज़िया की अम्मी बाहर जाती तो सलमान और जावेद उनके घर आ जाते... धीरे धीरे कभी तो ऐसा हो जाता कि अंजलि और रज़िया कालेज ही नहीं जातीं....


अंजलि अब पूरी तरह से उनके नागपाश में जकड़ी जा चुकी थी..... दिन हफ्तों में और हफ्ते महीनों में बदलते रहे....


और फिर एक दिन..…


क्रमशः......


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