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Neelam Sony

Children Stories Romance Tragedy

4  

Neelam Sony

Children Stories Romance Tragedy

बिश्नपुर_खादर_8

बिश्नपुर_खादर_8

4 mins
380

दोनों नईं क्लास में आ चुकीं थी... जूनियर से सीनियर होने का एहसास भी हावी था अब... अब अपने से जूनियर लड़कियों पर रौब भी मार सकतीं थी....

अंजलि अब कभी बातों बातों में लेट भी हो जाती तो उसके पास एक ही बहाना था कि रज़िया की अम्मी ने रोक लिया या उसकी अम्मी बाहर गई हुई है... मां का विरोध लगातार जारी था पर #शाम_बाबा का समर्थन उसपर भारी पड़ जाता था हर बार.... 

ऐसे ही एक दिन जब रज़िया के अम्मी अब्बू किसी शादी में बाहर गए हुए थे तो अंजलि की मौजूदगी में सलमान जावेद के साथ रज़िया से मिलने आया.... अब की बार जावेद ऊपर नहीं गया, बल्कि वहीं अंजलि के सामने ही चारपाई पर बैठ गया.... जबकि रज़िया और सलमान बाज़ू के कमरे में बंद थे.... 

" चाय और लेंगी....???" जावेद ने अंजलि से पूछा...

अंजलि ने नज़र ऊपर उठाए बिना ना में सिर हिला दिया.... जावेद बावर्चीखाने में गया.... आया तो हाथ में दो कप थे.... एक कप उसने अंजलि के आगे किया... 

अंजलि का कोई रिएक्शन ना देखकर उसने कहा "ले लीजिए... आपके लिए बड़े प्यार से बनाई है..."

"थैंक्स..." अंजलि धीमे स्वर में बोली.....

"बहुत मीठी आवाज़ है आपकी...." जावेद सामने बैठते हुए बोला....

" आप भी तो रज़िया की क्लास में ही पढ़ती हैं.....???" फिर अंजलि का कोई जवाब ना पाकर उसने दोबारा बातचीत शुरू करने की कोशिश की...

"हम्म...."

"मैंने कई बार देखा है आपको कालेज आते जाते समय...."

"हम्म..."

"जब हवा से आप के बाल उड़ते हैं तो बहुत सुंदर लगते हैं...."

"हम्म..." मन ही मन खुश होते हुए अंजलि ने हुंगारा भरा....

चाय ख़त्म हो गई, अंजलि कप नीचे रखने लगी तो जावेद उससे कप लेते हुए बोला, "लाइए, मैं रख आता हूं...."

ऐसा करते समय दोनों के हाथ अंजाने में आपस में छू गए...

थोड़ी ही देर में सलमान और रज़िया बाहर आ गए.. सलमान सीधे बाहर निकल गया... जावेद ने जाते समय अंजलि को मुस्कुराते हुए खुदा हाफ़िज़ कहा...

" खुदा हाफ़िज़..." अंजलि धीमे से बोली.. 

जावेद उसे हाथ हिलाते हुए बाहर निकल गया..... अंजलि आज कुछ अजीब सा महसूस कर रही थी.... जिंदगी में पहली बार किसी लड़के से बात करी थी और उस लड़के ने उसकी तारीफ भी करी थी... और अनजान पुरुष का छूह जाना भी अलग सा एहसास था.... चाहे अनजाने में ही सही...

उस रात अंजलि को अच्छे से नींद नहीं आई... सुबह सिर भारी सा था... जब तैयार हो कर कालेज के निकली तो गांव के मोड़ पर ही जावेद अपने स्कूटर में हवा भरवा रहा था... आंखें मिलते ही जावेद ने सिर हिलाकर अभिवादन किया... जवाब में अंजलि के होंठों पर भी हल्की सी मुस्कान तैर गई....

उस दिन रज़िया उसे कहकर दो पीरियड पहले ही अपने घर ले गई... गेट के बाहर ही सलमान और जावेद खड़े थे.... लूना के निकलते ही जावेद ने भी अपना स्कूटर स्टार्ट किया और अगले ही मिनट लूना को क्रास करके आगे निकल गया.... 

जब दोनों रज़िया के घर पहुंचीं तो किवाड़ भिड़े हुए थे ,उसपर ताला नहीं था... रज़िया ने लूना अंदर कर दी.... जावेद और सलमान दोनों पहले ही अंदर थे.... 

"आज तुम दोनों ही चाय पियो... हम नहीं पिएंगे " कहते हुए रज़िया सलमान को लेकर अपने कमरे में घुस गई.... जब अंजलि चाय बनाने के लिए बावर्चीखाने में गई तो जावेद ने पीछे से आकर उसके हाथों से माचिस छीन ली... " अजी हमारे होते हुए आप जैसी हूर को काम करना पड़े तो लानत है हम पर... आप आराम फरमाइए.. बंदा किस दिन काम आएगा..." अंजलि बाहर आने लगी, दरवाजा छोटा था तो ऐसे में दोनों के बदन आपस में रगड़ गए.... 

"लीजिए हजूर, गर्मागर्म चाय नोश फरमाइए..." जावेद चाय पकड़ा कर उसी के साथ चारपाई पर बैठ गया.... बीच में सिर्फ इतना फासला था कि अंजलि जावेद के शरीर से निकली गर्मी महसूस कर पा रही थी.... वो थोड़ा सिकुड़ गई....

"कोई दिक्कत महसूस हो रही तो हम उठ जाते हैं..." कहते हुए जावेद उठने का उपक्रम करने लगा...

"नहीं नहीं, ऐसी कोई बात नहीं...." अंजलि ने कहा

"आप तो ऐसे दूर हो रहीं हैं, जैसे हम कोई ख़बीस हों..."

"ना ऐसा तो नहीं..."

चाय ख़त्म हो चुकी थी, जावेद ने अंजलि के हाथ से कप लिया और बर्तन धोने के स्थान पर रख आया... इस बार वो अंजलि के और करीब बैठ गया..... दोनों के शरीर आपस में सट रहे थे....

" ये ख़बीस क्या होता है..." अंजलि ने पूछा....

"ख़बीस मने बुरा आदमी..."

"ओह्ह..."

" क्या मैं बुरा आदमी लगता हूं आपको...???" जावेद ने पूछा....

"नहीं बिल्कुल नहीं.. आप तो बहुत अच्छे हैं..."

"सच...???"

"बिल्कुल सच..."

"तो मिलाइए हाथ..." जावेद ने हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा...

अंजलि ने सुकचाते हुए हाथ आगे कर दिया... 

"ये हुई ना अच्छे दोस्तों वाली वाली बात....." दोनों हाथों में अंजलि का हाथ लेते हुए जावेद बोला.... इतनी देर में सलमान और रज़िया भी कमरे से बाहर निकल आए...

अंजलि ने घबराकर हाथ पीछे करना चाहा तो रज़िया बोली " कोई दिक्कत ना है... मज़े करो तुम दोनों भी..."

"तुम गलत समझ रही हो... हम दोनों सिर्फ दोस्त हैं.... क्यूं अंजलि जी...???" जावेद बोला...

"हम्म...." अंजलि ने जावेद की बात का समर्थन किया.....

क्रमशः


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