बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
आकाश और जया सिंगल पैरेंट हैं समर कैंप में अपने अपने बच्चों को छोड़ने आते और शाम को वापस ले जाते कभी कभी बच्चों का इंतजार करते हुए बहुत बातें भी करते ये साथ दोनों को बहुत भाता।
1 दिन जया आदि को लेने आई तो सड़क क्रॉस करते हुए एक कार से टकरा गई उसकी क्लासमेट काव्या के पिता ने जया को बचा लिया माँ !
चिल्लाता हुआ आदि बोला मां आपको कुछ हो जाता तो मैं कहां जाता ?
क्या हम काव्या और उसके पापा के साथ नहीं रह सकते ? आदि के प्रश्न ने सबको झकझोर दिया था चारों के चेहरे पर मूक सहमति थी सुनहरा समय अधूरे परिवारों को संपूर्ण बनाने के लिए सामने खड़ा था।
आकाश जया से बोला बच्चों की खुशी में हमारी खुशी है । सच पूछो तो हमे भी एक हमसफ़र कि जरूरत है ।जया बोली मुझे कुछ वक्त दो..… आकाश बोला मैंने तो सोच लिया है तब तक बिन फेरे हम तेरे !