शीर्षक_"मैरी क्रिसमस"
शीर्षक_"मैरी क्रिसमस"
बाबा बहुत सर्दी लग रही हैं एक कम्बल में हम सब की ठंड नहीं बुझती।
बेटा मैं तुम्हारे लिए गर्म कपड़े और रजाई का इंतजाम कर लूंगा समझा तो दिया।
सर्वेंट क्वार्टर में रहने वाले ड्राइवर सुरेश ने बच्चों को लेकिन जीवन की जद्दोजहद में खाने की पूर्ति करता तो पहनने की आवश्यकताएं अधूरी रह जाती बाबा मैंने सुना है क्रिसमस पर सांता आते हैं और अच्छे-अच्छे उपहार देते हैं।
हां बेटा लेकिन यह तो अमीरों के घरों की बातें हैं हमने तो यह फिल्मों में ही देखा है । बाबा मालिक के बच्चे तरह-तरह के कोट और स्वेटर पहनकर स्कूल जाते हैं मालकिन भी अलग अलग फैशन वाले कोट पहनती हैं। उनके घर के पिछवाड़े में टहलते हुए मालिक में उनकी बातें सुनी क्रिसमस के दिन घर के पिछवाड़े में रखे ड्रम में कुछ हलचल हुई तो सब बाहर आए दिखा सांता ड्रम में बहुत सारे गर्म कपड़े और कंबल रख रहे हैं।
मैरी क्रिसमस बच्चो !
बच्चों को लाल बैग में से केक और चॉकलेट दीं और बच्चे खुशी से नाच उठे हमारे घर भी सांता आए ! पर सुरेश ने मालिक के जूतों से पहचान लिया उनके अधीन काम करने वालों के लिए तो उनके मालिक ही सांता है। यदि हर मालिक अपने अधीनस्थ का सांता बन जाए तो ना जाने कितनों का जीवन संवर जाए।