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Madhu Kaushal

Tragedy

2  

Madhu Kaushal

Tragedy

कच्चा घड़ा

कच्चा घड़ा

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कुछ दिनों से आध्या गुमसुम सी रहने लगी थी, निकिता ने सोचा कि हम दोनों पति पत्नी काम पर चले जाते हैं तो आया के साथ अकेले रहकर हमारी कमी महसूस करती है। एक दिन शाम को आध्या को निकिता ने चित्र बनाते देखा ड्राइंग बुक में जिसमें एक नन्ही सी बच्ची पौधा बने हुए कह रही है.. मुझे छोड़ दो मुझे छोड़ दो, कुछ जानवर उस पौधे के फूल पत्ती नोच नोचकर फेंक रहे हैं। सीसी टीवी कैमरे की सर्च की तो हैरान रह गई उसके साथ वह हुआ था जो इंसानियत को तार तार कर रहा था। जाने कितने प्रश्न दिमाग में कौंधने लगे, क्यों एक कली को फूल बनने से पहले तोड़ लिया? पुष्पित पल्लवित होने से पहले कुचल दिया गया? उस मासूम को गंदी नजर से क्यों देखा? उसकी माँ के मन में बस यही सवाल कौंधता रहा कि अपनी बच्ची की परवरिश से वो कैसे इतनी बेफिक्र हो गई कि एक बालमन अपनी भावनाएं अपने माता - पिता को बताने की बजाय एक कागज़ पर अपनी पीड़ा उकेर रहा था।

 


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