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Madhu Kaushal

Romance

3  

Madhu Kaushal

Romance

"आवाज़ की कशिश"

"आवाज़ की कशिश"

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430

एफएम रेडियो पर सुबह का पहला प्रोग्राम लेकर उसका आना और अपनी मद भरी आवाज मे एक शायरी से आगाज करना बरबस ही प्रिया को टीवी के करीब ले आता ।यह तो अब रोज का सिलसिला हो गया फरमाइशी गाने की मांग करने फोन लगाया तो आरजे की आवाज़ सुनकर निशब्द हो गई। उसे लगा जैसे वह उसे जन्मों से जानती है फिर अचानक वह आवाज़ आना बंद हो गई। उसकी जगह किसी और उद्घोषक ने ले ली। प्रिया की तो जैसे जान ही निकल गई आज भी उसी आवाज़ के इंतजार में है । उस चैनल पर गाने सुनकर सोचती है ये प्रिया के लिए बज रहा है। कभी-कभी किसी अनजान से अनदेखे,अनछुए ऐसी डोर बंध जाती है कि मानो"तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई"।


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