बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
कितना निभाने औ क्यों इसके लिए बस इतना कि प्रेम है कि दो दिल जब तक शादी के बंधन में नहीं बंधते और अपने दायित्वों और कर्तव्यों को निस्वार्थ एक-दूसर के लिए अपनाते है।
ऐसे ही इक जोड़ा कृति और अवि जो कि बिन फ़ेरे हम तेरे बस इक एहसास, इक विश्वास और इक साथ प्रेम को प्रेम में जीते है। उनका ये साथ लगभग तीन साल होने को आये और लोगों ने इस प्रेम को तोड़ने का अथक प्रयास भी किये, जिसके कहर से कृति और अवि को अनेक कारणों से लड़ना भी पड़ा। कभी-कभी तो ये भी दशा रही, कि अवि कृति को बार-बार सब खत्म करने को साथ छोड़ के जाने को ऐसी बाते करता फिर दोनों आपस में भी लड़ने लगते लेकिन फिर शांत होने पर आपसी मतभेद और शिकवा-शिकायत खींचने के बाद जो वापस बचता वो प्रेम ही रहा।
जीवन के हर उतार-चढ़ाव को झेलते उनका प्रेम परवाज़ पर था , क्योंकि हज़ार कमियों के साथ सब खत्म किया जा सकता लेकिन कमियों को सही मापनी देकर जीवन सुलझाया जाता किंतु ये तभी जबकि यकीं प्रेम, विश्वास और साथ का हो।
कृति की शादी कब अवि से हो समय जाने लेकिन वो अपना समर्पण अवि को दे चुकी थी, अब तो वो जी रही... और अवि जिंदगी में अपनों से लड़ते हुए कृति के पास पहुंच पायेगा भी की नहीं.. बस इक वक्त है।
आज भी दोनों बिन फ़ेरे हम तेरे..प्रेम बंधन से बंधे निभा रहे।
