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Nandita Tanuja

Inspirational

3  

Nandita Tanuja

Inspirational

लिविंग रिलेशनशिप

लिविंग रिलेशनशिप

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कोई कितना भी चाह ले किसी भी रिश्ते को जितना भी जी ले वो तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक कि उस रिश्ते का कोई नाम नहीं मिले।

   संजना डाइवोर्स के बाद अपने बेटे के साथ रहती थी, और जॉब के ट्रांसफर होने के कारण उसे बेटे को हॉस्टल भेजना हुआ। दूसरे शहर में आने के बाद संजना को परेशानी उठानी पड़ी लेकिन इन मुश्किलों की उसे आदत थी और उसने जल्द ही समाधान भी निकाल लिया।

 कुछ दिन तो सही रहा लेकिन एकदम से उसके जीवन में जो बदलाव आया वो था नीरज जो कि उसी के ऑफिस में काम करता था और वो संजना को पसंद भी करता था , ये जानते हुए कि उसे एक बेटा भी है फिर भी वो अपने आप को नहीं रोका और संजना से अपनी बात कह दी, संजना कुछ समय तो हां - नहीं के जवाब में उलझी रही दूसरी तरफ बेटे का सोच इग्नोर किया लेकिन नीरज ने उसे इतना प्रोटेक्शन दिया कि संजना नीरज को पसंद करने लगी। 

  धीरे -धीरे दोनों में दोस्ती हो गयी , और संजना नीरज के साथ स्वयं को सुरक्षित मह्सूस करने लगी फिर एक दिन नीरज ने संजना से शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन संजना अपने पहले शादी का एन्ड से बहुत मुश्किल से उबरी थी उसने कहा मुझे समय चाहिए और बेटे से भी बात कर उसे समझना और बताना होगा। नीरज ने समय दिया लेकिन उसने फिर कहा, क्यों नहीं हम लिविंग रिलेशनशिप में रहते है , एक-दूसरे को समझ भी पाएंगे और तुम्हें आसानी होगा समझने में कि तुम क्या चाहती?

       फिर संजना और नीरज साथ रहने लगते है और धीरे -धीरे वो अपने हर एक बंधन को तोड़ कर हस्बैंड -वाइफ की तरह रहना शुरू कर देते है। संजना को लगा कि शायद वो गलत थी नीरज हर आदमी के जैसा नहीं है , लेकिन उसी दिन नीरज बोला - संजना अब हम साथ नहीं रह सकते , संजना बोली क्यों क्या हुआ ? बोला मेरी माँ गांव से आ रही , तुमको बिना शादी से पहले देखेगी तो बात बिगड़ जायेगी , संजना बात को समझ रही थी, उसने अपने लिए दूसरा घर देखा। और नीरज की समस्या को अपना समझ उससे अलग हुई।

  नीरज माँ के आते ही ऐसे बदला जैसे संजना को वो जानता ही नहीं कभी मिला ही नहीं और ऑफिस में भी अब उससे दूर भागता था, संजना को उसके एहसासों में बदलाव समय के साथ दिख रहा था, उसने अपने आत्मसम्मान को तो नीरज के बातों में खो दिया था , लेकिन अब वो अपना स्वाभिमान और ज़मीर नहीं खोना चाहती थी , उसने बहुत सही निर्णय लिया , कि नीरज को बिना कोई एक्सक्यूज़ लिए- दिए वो खुद भी उससे दूर होने का निर्णय लिया , उसने अपना ट्रांसफर सोर्स लगवाकर अपने बेटे के पास चली गयी और नीरज को अपने जीवन से निकाल फेका , जो कि संजना के लिए मरकर फिर से एक नए जीवन को सही दिशा देना था।

  उसने नीरज को पति का दर्जा दिया था लेकिन बिना सिंदूर का कोई पति नहीं होता जब तक वो उस रिश्ते को अपना नाम नहीं तभी पीछे से आवाज़ आयी माँ तुम्हारा फ़ोन बज रहा। संजना पीछे मोड़ कर देखी तू बेटा उसका फ़ोन लिए खड़ा था ,संजना बेटे को देख मुस्कुरायी , बोली -हम्म्म , लाओ।

  कॉल किसी और कि नहीं नीरज का था , जिसे खुद कि गलती का पछतावा तो था , लेकिन संजना वो नहीं रही , जो कभी नीरज को पति के नाम से अपना बनाकर सब कुछ उसके नाम कर दिया था, उसने बेटे के सामने नीरज से कहा - नीरज फिर कभी कॉल मत कीजियेगा , हम माँ- बेटे अपने जीवन में आगे निकल गए और आपसे मुझे कोई शिकायत नहीं और अब हद में सब ठीक रहे आपको अपने जीवन से ब्लॉक कर चुकी हूँ , और अब अपने मोबाइल नंबर से भी ब्लॉक कर रही आप स्वतंत्र हैं।

 संजना नंबर ब्लॉक कर बेटे को देख वापस मुस्कुरायी और बेटे को गले लगा कर रो भी नहीं पायी, लेकिन उसे सुकून था कि उसकी भूल का भुगतान अब कभी उसका बेटा नहीं करेगा।

संजना एक स्त्री के मर्यादा से परिचित थी, वो कुछ समय के लिविंग रिलेशनशिप के आधुनिकता में प्रवेश तो कि लेकिन अपने संस्कारों को भूल नहीं पायी और ना कभी फिर अपना यूज़ किसी और को करने दिया।



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