यादों कि बारिश......!!
यादों कि बारिश......!!
रिया - तुम क्यों इतना रो रही प्रिया ?
प्रिया - नहीं रिया , रोक मत मुझको , मुझे आज जी भर रो लेने दे ताकि रोज -रोज घुट के ना मरूं।
रिया - तुम पागल हो , किसकी बात पर रो रही हो , जिसे तुम जानती ही नहीं , वो कौन है और गर उसने कुछ कहा
तुमको तो वीर ने जो उससे तुम्हारे बारे में कहा उसने वही कहा होगा।
प्रिया - आँसुओं को पोंछती हुई , क्या वीर को एहसास है , उसने मेरा गम कम किया या और मुझे उलझा गया।
एक सच नहीं बोल पाए कि आखिर उन दोनों का रिश्ता क्या है ? पचास बाते मुझे सुनाई लेकिन ये ना कह पाए कि तुम चली जाओ मेरे जीवन में कोई और है , क्यों आये मेरे करीब क्यों दिया वो एहसास जब मुझसे प्यार नहीं था।
वो लड़की सबसे कहते चल रही कि मैं वीर के पीछे पड़ी हूँ उसे परेशान करती हूँ , क्या वो नहीं समझ पा रही , कि वीर के बिना चाहे मैं वीर तक कैसे गयी ?
और मुझे नीचे दिखाती है , हर जगह वो एक लड़की होकर किसी लड़की को कैसे गिरा सकती है ?
रिया - प्रिया , तुम उसको सुन रही हो , तुम लोगों को सुन रही हो, तुम खुद को क्यों नहीं सुन रही , तुम खुद क्या चाहती क्यों नहीं समझ रही
सिर्फ दुःख और रोकर क्या मिला तुमको ? बताओगी तुम?
प्रिया - मैं उसे नहीं भूल सकती रिया , बहुत प्यार करने लगी हूँ वीर से , जितना उसने मुझे अपना प्यार नहीं दिया उससे कही ज्यादा मुझे रुलाया है , और जितना भी एहसास उसने मुझे अपने प्यार में दिया है , क्यों नहीं मैं उससे दूर जा पा रही , रिया मैं कमजोर नहीं हूँ।
but I Still Love Veer . सब सच जानते हुए वीर मेरे साथ गलत कैसे कर सकता है , उसकी ज़िंदगी में कोई और थी तो उसे मेरे पास आना नहीं था, और इतना लेट क्यों बताया जब मेरी ज़िंदगी उसकी हो गयी और मुझे अब पता चल रहा कि मैं अकेली रह गयी , वीर कही है ही नहीं।
रिया - सुन , आज तुझे वीर कि बहुत याद आ रही है ना , मेरी बात मानेगी एक बात कहूं ?
प्रिया - हां , आ रही मुझे वीर कि याद लेकिन उसे नहीं आएगी , क्योंकि उसने स्टिल लव कहा , किया नहीं मुझसे।
तू बोल , क्या बात है ?
रिया - वीर कि यादों को अपनी रूह में बसा ले , फिर तो कभी उसके याद में तेरी आँखें बरबस बरसेंगी नहीं।
तुम जाने दो , वीर अगर तुमसे प्यार नहीं करता , तो उसका तेरे पास होना सही नहीं। जाने दे वीर को
उस लड़की के पास वो दोनों साथ खुश तो तुम को क्या परेशानी है ?
प्रिया - ना , प्रिया मुझे किसी से कोई परेशानी नहीं , यकीन कर मेरा जिस दिन से वीर ने मुझे अपना सच बताया , उस दिन से उसे और मुझे और प्यार हो गया है , उसका आना जाना यही एहसास दिला रहा वो उलझ गया है , और मैं उसे सुलझाना चाह रही और कमजोर पड़ रही रिया , मुझे वीर को खुश देखना , हेल्प में रिया.....!!
रिया - वीर को खुश देखना है , पक्का।
प्रिया - हां।
रिया - तो कसम ले आज के बाद वीर को कभी कॉल नहीं करेगी , कभी वीर के सामने नहीं जायेगी , और ना कभी अपना दर्द उसके लिए किसी को कहेगी ?
प्रिया - रिया , बस इतना करने से मेरा वीर खुश रहेगा जीवन भर - वो लड़की गर इनकी ख़ुशी है तो मैं तुझसे और खुद से वादा करती हूँ कि
वीर कि यादो के बारिश में जीवन भर भीगती रहूंगी , तड़पूँगी, इश्क़ जियूंगी लेकिन वीर को कभी आवाज़ नहीं दूंगी।
रिया - प्रिया को गले लगा लेती है , और ब्रेव हो तुम मेरी दोस्त हो गर्व है तुमपर .......!!
इस बात को 6 साल बीत गए प्रिया के जीवन में वीर अब तक जी रहा और उसकी यादों कि बारिश में भीग कर बेइंतहा मोहब्बत जी रही है।
इति......

