बीते हुए पल
बीते हुए पल
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
आज विनीता फिर अपनी डायरी लेकर बैठ गयी, जब भी अकेला महसूस करती तो अपनी डायरी में कुछ लिख लेती। आज उसने बारिश हो रही थी उसे वही दिन याद आ गए जो उसने राजीव के संग बिताए थे।
राजीव और वीनीता कॉलेज में साथ थे, जब दोनों दोस्त बने तो अक्सर बारिश के दिनों में राजीव विनीता को अपनी पसंद की जगह में चाय पिलाने ले जाता और कहता विनी बारिश में चाय का मज़ा ही अलग है।कभी कभी जब कॉलेज की छुट्टी होती तो, राजीव कहता चलो विनी आज कहीं घूम के आते हैं, विनीता उसका हाथ थाम कहती राज तुम ही मेरे जीवन की वजह हो जहां कहो मै साथ चलूंगी जीवन भर चलूंगी।बारिश में दोनों साथ जाकर कॉलेज के पास ही भुट्टे खाते।न जाने ऐसी कितनी ही यादें जुड़ी थी विनीता की जब बारिश होती तो उसे राजीव की याद आ जाती।पांच वर्ष हो गए राजीव की शादी हुए पर अब भी वह उसे भुला नहीं पाई थी,भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका।
जब राजीव से विनीता ने कहा अपने घर मे हमारे बात करो, राजीव अपने पिता जी से डरता था फिर भी उसने विनीता के बारे में उनसे बताया। उसके पिता ने दो टूक लफ़्ज़ों में कहा राजीव तुम अच्छा बिज़नेस कर सको इसके लिये मेरे पास पैसे नहीं है न ही विनीता के घरवाले तुम्हें उतना पैसा दे पाएंगे, मैंने अपने दोस्त की बेटी चुनी है तुम्हारे लिए जिनका सारा बिज़नेस भी तुम्हें ही सम्भालना है। बस यही वजह थी जो दोनों को अलग कर गयी।
विनीता को राजीव से कोई शिकायत नहीं थी क्योंकि वो उसके लिये खुश थी हो भी क्यों न आज शहर के बड़े बिज़नेस मेनों में उसका नाम जो आता है।
लेकिन जब भी बारिश होती उसे राजीव की याद आती, जिसे चाहकर भी वो अपने मन से निकाल नहीं रही थी।उसे याद आता राजीव के साथ की पहली मुलाकात उस दिन भी खूब बारिश हो रही थी और विनीता को देर हो रही थी कॉलेज छूटने पर उसे जल्दी घर पहुँचना था सो बारिश में ही वह जाने लगी थी लेकिन तभी राजीव ने कहा था रुक तो जाइये मेडम जी बारिश आपके लिये नहीं रुकेगी और दोनों कहकहे लगाने लगे थे।
विनीता को बीते हुए पल याद आते की काश वो वक़्त लौट आये। तभी बारिश थम गई और विनीता अपने बीते हुए कल से आज में आ गई उसे हक़ीक़त पता थी उसे पता था कि वो बीते हुए पल अब लौटकर नहीं आने वाले।