छोटा हाथी
छोटा हाथी
एक बार की बात है एक जंगल था वहां लगभग सभी जानवर रहते थे, बन्दर, लोमड़ी, सांप, शेर, भालू और हाथी भी सभी जानवरों के बच्चे भी थे।
जब बच्चे छोटे होते तो साथ ही खेलते थे, छोटा सा बन्दर का बच्चा, हिरन का बच्चा और हाथी का बच्चा तीनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
छोटे हाथी को कभी कभी अपने भारी होने का अफ़सोस होता कि मैं अपने साथियों की तरह क्यों नहीं हूं जैसे बन्दर पेड़ पर चढ़ता है मैं क्यों नहीं और जैसे हिरन तेज दौड़ता है मैं क्यों नहीं।
उसे लगता कि वो इतना भारी और मोटा क्यों है।
तीनों दोस्त आपस में मस्ती भी करते और कई बार खेलते खेलते जंगल से दूर भी पहुँच जाते थे।
एक बार वे लोग बहुत दूर निकल गए शाम भी होने को आई थी, वे वापस जा ही रहे थे कि तभी हिरन और बन्दर दोनों शिकारी द्वारा बिछाए जाल में फंस गए।
उनकी यह दशा देख छोटे हाथी को बहुत पीड़ा हुई, उनकी आवाज़ें सुनकर शिकारी आने वाले थे।
छोटा हाथी समझ गया अगर एक बार शिकारी के हाथ लग गए तो बचना मुश्किल है, उसने अपने दोस्तों को बचाने की ठानी।
छोटे हाथी ने पूरी ताकत के साथ उस पेड़ को ही उखाड़ दिया जिस पर जाल बंधा था और बन्दर और हिरन को आज़ाद करवा लिया।
फिर वे अपने घर को पहुँचे बन्दर और हिरन ने उसे धन्यवाद कहा उस दिन छोटे हाथी को अहसास हुआ कि क्यों वो इतना मोटा और भारी है, क्योंकि उसके पास ताकत भी सबसे ज्यादा है।
शिक्षा- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी स्वयं को कमतर नहीं आंकना चाहिये, भगवान ने सबका रूप रंग अलग अलग दिया है लेकिन हर एक कि एक खूबी भी है ।