मेट्रोमोनियल
मेट्रोमोनियल


रीना आज फिर मेट्रो मोलियन साइट खोल कर बैठ गयी जब भी उसे अकेलापन महसूस होता तब वो उसमें पार्टनर तलाशने लगती लगता था एक न एकदिन उसका सोलमेट उसे जरूर मिलेगा।
वही उसे एक लड़का मिला जीत उसे वो अच्छा लगा रीना ने अपने भाई को उसके बारे में बताया रीना खुश थी वो न जाने कितने सपने सजाने लगी।
शादी के बाद ये इयरिंग पहनूँगी ये कपड़े खरीदूंगी इन सहेलियों को बुलाऊंगी।
जीत से फोन मेसेज पर बात करने लगी। कुछ समय बाद उसे वो बाते पता चली जो जीत ने उससे छिपाई थी जो उसे पहले ही बता देनी चाहिए थी।
बस वही वजह बनी इनकार की आंखों में आसूं लेकर रीना ने मना किया। उसके सपने टूट गए।
जीत ने उसे कहा तुम्हे नरक में भी जगह नही मिलेगी तुमने शादी से इनकार किया इसलिए, रीना सोच में पड़ गयी कि क्या एक लड़की को शादी से इनकार करने का हक नहीं, उसे हक नहीं की वो अपना जीवन साथी खुद चुन सके।
कभी कभी उसे लगता, अच्छा हुआ जो जीत से शादी नहीं की वरना हर बात का ब्लेम मुझ पर ही डालता। धीरे धीरे मेट्रो मोलियन से रीना का भरोसा उठ गया।