यूँ तो हर लम्हा खुदको समेटते रहेते हैं, फिर भी ख्वाहिश है "एक लम्हा", यूँ तो हर लम्हा खुदको समेटते रहेते हैं, फिर भी ख्वाहिश है "एक लम्हा",
भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका। भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका।