भूतिया कहानी
भूतिया कहानी
किसी राज्य के एक शहर में एक महाविद्यालय खुला था जिसके बारे में ऐसा चर्चित था कि उस महाविद्यालय में रातों में चुड़ैलों की डरावनी आवाज़ आती थी ।जिसके कारण महाविद्यालय में विद्यार्थीगण डरे हुए रहते थे परन्तु अध्यापकगण विद्यार्थियों के प्रेरित करते रहते की ऐसा कुछ नहीं है ये सब भूत प्रेत कुछ नहीं होता है वो ऐसा इसलिए कहते थे जिससे विद्यर्थियों में भय न रहे। इस प्रकार विद्यार्थी पढ़ते रहे और समय व्यतीत होता गया लेकिन कुछ शरारती बच्चों को शरारत सूझी तब कई दोस्तों ने प्लान बनाया कि हकीक़त देखते हैं इस तरह वो चुड़ैल देखने रात्रि में महाविद्यालय पहुँच गए । हर तरफ़ हवा चल रही थी और शांय-शांय की आवाज़ आ रही थी । हिम्मत जुटा कर आगे बढ़े तब अचानक बगीचे में स्थित एक पेड़ पर औरत झूलती हुई दिखाई दी इतना देखना था कि डर के वो सभी दोस्त वापस आ गए।
फिर ये कहानी कुछ दोस्तों को बताया जिनका संबंध विज्ञान से था और विज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते इनका भूत-प्रेत पर विश्वास नहीं था इसलिए इस बार विज्ञान के छात्र के साथ हिम्मत करके उसी पेड़ के किनारे पहुँचे तब वहाँ पर झूलती हुई कोई नजर आई लेकिन इन्होंने आगे कदम बढ़ाया तो चुड़ैल भी आगे की ओर जाकर विद्यालय के ऊँचाइयों में स्थित पानी की टंकी पर जा पहुँची तब इनका एक दोस्त उसके साथ साथ गया बाकी उस दोस्त का अनुसरण करते हुए धीरे धीरे चलते रहे लेकिन अचानक निगाह गयीं और पता चला कि छपाक की आवाज आयी वो लड़का भी उसी टंकी में कूद गया फिर लेकिन उस लड़के के दोस्त कुछ देर के लिए अचम्भित रह गए पर इन्होंने जाने से पहले एक रणनीति बनाई थी जिसका फायदा इन्हें मिला।
रणनीति ये कि उस दोस्त के कमर को रस्सी से बाँध दिया ये सोचकर कि कहीं कुछ लगता है कि फंस गया तो वे सभी इसको खींच लेंगें इसीलिये उन्होंने उसको खींचकर बाहर निकाला लेकिन बाहर निकलते वो ये मानने पर मजबूर हो गया कि हाँ कोई ऐसी ताकत है जिसको ये नाम दिया गया है लेकिन चुड़ैल ने उसके कान में कुछ कहा था जिससे इसी क्रम में वो अकेला ही उससे मिलने जाने लगा तब उस लड़के को हकीक़त से रूबरू करवाया।
लेकिन इस लड़के के प्रतिदिन जाने के रवैये को देखकर उस महाविद्यालय के चपरासी ने इसको रोकने की कोशिश की पर नाकाम रहा फिर चपरासी को ऐसा लगने लगा कि शायद उसका साया इस पर चढ़ गया इसलिए इस बात को महाविद्यालय के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। प्रधानाध्यापक ने लड़के से विस्तारपूर्वक वार्तालाप करने की कोशिश की परन्तु विद्यार्थी ने संक्षिप्त में उत्तर देकर चला गया। इसी दौरान महाविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर रात्रि में कार्यक्रम शुरू किया गया । कुछ देर कार्यक्रम चलने के बाद कुछ अद्भुत घटना घटने लगी और सभी सहमे हुए लगने लगे अब सभी को विश्वास होने लगा कि यहाँ वास्तव मे चुड़ैल का वास है।फिर उसने वही बात दुहरायी की घबराओ नहीं मैं किसी का नुकसान नहीं चाहती पर कोई गौर से सुनता कि उस लड़के ने मंच से आवाज लगाई और कहा कि अब मैं बताता हूँ कि इसमें क्या राज़ है लेकिन सभी चौंक गए कि चुड़ैल की बात ये विद्यार्थी बतायेगा इसी बीच महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय को मौका मिल गया तो उन्होंने कहा हाँ बेटा उस दिन बताए नहीं बताओ कि माज़रा क्या है?
उस विद्यार्थी ने बताया कि जब मैं रोज इससे निडर होकर मिलने लगा तो इसने बताया कि जब मैं यहाँ पढ़ने आयी तो मुझे सब नया माहौल मिला तथा रैगिंग नाम का एक शब्द सुना जिसमें शायद पढ़ाई के साथ ये शामिल था जिसके अंतर्गत सिगरेट पीना, पान चबाना,अपशब्दों का अभ्यास करना इत्यादि शामिल था जो मुझे नापसन्द आया। एक दिन कुछ वरिष्ठ छात्र व छात्राओं ने कुछ अपमानजनक व्यवहार किया जो मुझे रास न आया और बहुत अजीब सा महसूस हुआ कि छात्र तो बदनाम ही हैं परन्तु इसमें कुछ छात्राएं भी लिप्त हैं और मैंने इससे छुब्ध होकर गलत क़दम उठा लिया जब से अब तक सिर्फ़ इसलिए आती हूँ कि संस्थान में पढ़ाई के अलावा कोई भी इन मामलों में लिप्त न रहे व आइंदा ऐसी कोई घटना न घटे ।

