Aditya Vardhan Gandhi

Horror Classics

4  

Aditya Vardhan Gandhi

Horror Classics

भेड़िया एक रात

भेड़िया एक रात

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यह कहानी सन 1810 की है जब अंधविश्वास और भूत प्रेत का दौर था। कहानी एक जंगल के इलाके से शुरू होती है। जहा पर एक तांत्रिक तंत्र विद्या का प्रयोग कर कर भेड़िया और इंसान को एक करने की कोशिश में लगा हुआ था। अपनी काली माया विद्या का प्रयोग करते हुए तांत्रिक भैरव रामनाथ को भेड़िया मानव बनाने की कोशिश में लगा हुआ था। उस दौर में ब्रिटिश शासन की हुकूमत थी। जो पूरे भारतवर्ष में राज किया करते थे। जब जनरल ऑस्कर फिलिप को पता चलता है। कि भैरव गलत तरीके से काली विद्या का प्रयोग करके भेड़िया मानव बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। तभी जनरल अपनी फौज के साथ उस जंगल की ओर निकल पड़ते हैं। लेकिन जनरल को आने में बड़ी देर हो जाती है।

तब तक तांत्रिक भैरव अपना काम कर चुका था। अपनी मायावी और काली शक्तियों के दम पर भेड़िया मानव बना चुका था। और उसके अपने काबू में करके जनरल और उसके सारे साथियों को मार डाला लेकिन उसमें से एक अंग्रेज सिपाही बच निकला था। जंगल से तेजी से भागा रेल की पटरी पर जाकर रुका लेकिन मीडिया उसके पीछे-पीछे आ ही रहा था। और उसको भी मार दिया और तांत्रिक भैरव ने सभी मरे हुए लोगों को भेड़िए को खिला दिया और उस जंगल के आसपास जो भी गुजरता मारा जाता तांत्रिक भैरव ने हर इलाके में दहशत मचा के रखी थी। तभी राजा उदय भान को पता चलता है। तांत्रिक भैरव को कैसे रोका जाए और उसके भेड़िए को ओ पंडित शिवनारायण के पास जाते हैं। और एक चंदन की लकड़ी से बना हुआ भला बनाते हैं। जिसे वह भेड़िए किसी ने में सीधा वार करते हैं ।

मार डालते हैं और तांत्रिक को भी हो तलवार से मार देते हैं । लेकिन मरते मरते तांत्रिक अपने तंत्र की माया से उदय भान सिंह को भी भेड़िया बना देता है और कहता है हर 23 साल के बाद तुम्हारे अंदर का यह भेड़िया जागेगा और तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे उसी के साथ तांत्रिक मर जाता है । उदय भान अपने राज्य की ओर बढ़ जाते हैं। और ठीक 23 साल बाद वही रात होती है जिस रात में भेड़िए का श्राप मिला था। और वह भेड़िया बन जाते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी इस श्राप के साथ उनका परिवार संघर्ष करता ही रहता है । उनका आखरी वंशज रजत अपने आप को किसी जंगल में छुपा लेता है ताकि वह सिलसिला खत्म कर सके।


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