भाग 2 लाडो कहाँ है
भाग 2 लाडो कहाँ है
अगली सुबह जब विजय उठता है। तब अपनी बेटी को आवाज देता है। कहाँ है।
लाडो ओ लाडो तभी ममता बोलती है। आपकी लाडो सुबह ही कालेज के लिए चली गई है। अब तक को कालेज भी पहुंच भी गई होगी अब वो छोटी बच्ची नहीं है। अब वो बडी हो गई है। इतना बोल कर वो रसोई घर में जाकर चाय बनाने चली जाती है।
रवि - पापा मुझे आज दोस्तों के साथ बाहर जाना है। मुझे कुछ रुपए चाहिए ₹2000 आप दे रहे है। मैंने अपने दोस्तों से अपने बर्थडे की पार्टी का वादा किया है। इसलिए मुझे ₹2000 चाहिए पापा दीजिए न ।
विजय - अपनी बहन से कुछ सीख कितना कम खर्चा करती है। अपने दोस्तों पर और एक तू है नालायक काम धाम तो करता नहीं जब देखो तब पैसे चाहिए बस।
ममता - ओह जब देखो तब हमारे बेटे को चिल्लाते रहते हो ₹2000 तो मांग रहा है। इसकी जगह आपकी लाडो होती आप एक ही बार में पैसे दे देते 2000 की जगह 5000 देते अपने बेटे को डांट दे रहे हो कैसे बाप हो आप मुझे तो आपका बिल्कुल कुछ समझ में नहीं आता एक उतना सारा प्यार और दूसरे को डांट। रुक जा अभी रवि मैं तेरे पापा से तेरे को पैसे दिलाती हूँ। इतना बोल कर ममता रसोई घर में जाकर दाल के डब्बे में से ₹2000 निकाल कर देती है।
विजय - और तभी विजय कहता है। रुक जाओ तुम्हारा नालायक बेटे को दे रहा हूं पैसे इतना बोल कर अपनी जेब में से ₹5000 निकाल कर देता है। और कहता है। दोस्तों को पार्टी देकर वापस आ जाए आते वक्त लाडो को कॉलेज से लेते हुए आना और ध्यान रखना उसे कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए वरना मैं तेरी ऐसी पिटाई करूंगा जिंदगी भर याद रखेगा तू समझा इतना बोल कर विजय अपनी कुर्सी से उठा और नहाने के लिए बाथरूम की ओर चला गया और रवि कॉलेज चला गया।
रवि - जब रवि अपने दोस्तों के साथ पार्टी करके वापस घर लौट रहा था। याद आता है। बहन को लेने जाना है। और अपनी बहन यानी लाडो को लेने जाता है। और जब वह कॉलेज पहुंचता है। चौकीदार से पूछता है। मेरी बहन घर चली गई है क्या। तो चौकीदार मना करते हुए कहता है। भैया रवि आज प्रिया दीदी कालेज नहीं आई है। और मैंने उन्हे देखा भी नहीं है । तभी रवि अपनी जेब से फोन निकलता है। और लाडो को यानी प्रिया को फोन करता है। उसका फोन बंद आता है। जिसके बाद तुरंत ही अपने पिता को फोन लगाता है। और कहता है। और उसके पापा फोन उठाते हैं। और रवि बोलता है। प्रिया का फोन बंद आ रहा है।
विजय - यह बात सुनकर विजय परेशान हो जाता है। और रवि से कहता है। उसके दोस्तों के घर पर जाकर पता कर और मैं आसपास देख कर आता हूं। इतना बोल कर विजय फोन काट देता है। आसपास के इलाके में ढूंढता है फिर भी उसे उसकी बेटी नहीं मिलती थक हार कर वो जब घर पहुंचता है। तब भी बेटी उसके घर पर नहीं पहुंची है। इसी तरह पूरा 1 दिन निकल जाता है। दुख में बैठा विजय अपने बेटे को लेकर पुलिस थाने पहुंचता है। थाने में घुसते संग ही पुलिस इंस्पेक्टर से मिलने के लिए जाता है। और अपनी सारी बात पुलिस वाले को बताता है। और अपनी बेटी का फोटो दिखा कर कहता है। मेरी बेटी 1 दिन से घर पर नहीं आई है।
पुलिस - पुलिसवाला कहता है। यह लड़की यह कहीं खो नहीं गई है। यह तो थाने में ही बैठी है। एक लड़के के साथ शादी करके आई है। और मुझसे बोली कि घर वाले मुझे परेशान करते हैं। और हमारे प्यार को अपनाने से इनकार करते हैं।
विजय - विजय यह सुनकर हक्का-बक्का रह जाता है। और जमीन पर गिर जाता है। उसका बेटा रवि उसे उठाता है। तभी कमरे के अंदर उसकी बेटी आती है। उसी लड़के के साथ जिसे देखकर रवि गुस्से में कहता है। तूने यह सिला दिया हमारे प्यार का एक बार पापा की इज्जत का तो ख्याल किया होता..
प्रिया - आप लोग मेरे प्यार को समझोगे नहीं इसीलिए मैं वहां से भाग गई अगर मैं आपको सब कुछ बताती तो आप मुझे कमरे में बंद कर देते और शायद मारते पीटते भी इसीलिए मैं कॉलेज का बहाना करके सुबह ही चली गई और हमने मंदिर में जाकर शादी भी कर ली।
विजय - तभी विजय होश में आता है। और कहता है। देख लाडो बेटा ऐसा गंदा मजाक मत कर मैं तेरा पापा हूं। तू जो बोलेगी हम वह करेंगे इस तरह में इज्जत को मत उछाल मुझे पता है। इस लड़के ने तुझे डरा कर तुझे से शादी की हे ना
प्रिया - मैंने अपनी मर्जी की हे। शादी और में इस से प्यार करती हूं। मुझे माफ कर देना पापा। रवि अपने पापा को लेकर घर चला जाता है।
