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Aditya Vardhan Gandhi

Fantasy

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Aditya Vardhan Gandhi

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भाग 3 अंतरिक्ष से आई मुसीबत

भाग 3 अंतरिक्ष से आई मुसीबत

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चोर को पकड़ने ओर पीटने के बाद सुपर योद्धा अर्जुन वापस अपनी बाईक जहाँ रखी थी। वहां से लेकर भीड़ में दुबारा से शामिल हो गया और आस पास के लोगों से पूछता है। ये सब क्या चल रहा है। तभी एक बुजुर्ग आदमी बोलता हो। 

एक उड़ता हुआ लड़का आया और इन सबको मार पीट के इन चारों चोरों को ओर बाँध कर चला गया पाता नहीं कौन था। और कहाँ चला गया इतना बोल बुर्जुग आदमी आगे चल देता है। जिसके बाद पुलिस सबको वहां से जाने का बोलता है। सारी भीड़ तितर-बितर हो जाती है। उधर अर्जुन किसी तरह की सोच में डूब गया था। 

चलो आज तो सब को रोक लिया लेकिन हर बार मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा उधर दूर अंतरिक्ष में दंशिका बड़े गुस्से में चिल्ला कर सबसे बोलती है। एक मामूली धरती वासी ने हमारी इतने बड़े योद्धा को कैसे मार दिया जवाब दो मुझे तभी एक सैनिक कहता है।

 वह कोई मामूली इंसान नहीं था। उसके पास राजा विक्रमादित्य की जादुई तलवार थी। इसे चलाने में बहुत माहिर था। वो कोई मामूली इंसान नहीं है। इतना बोल कर सैनिक चुप हो जाता है। तभी दंशिका चिल्लाकर कहती है। मैं अपने पति के हत्यारे को जान से मार डालूंगी तभी सिंहासन पर बैठे हुए राक्षस सम्राट लुकामा ने गंभीर स्वर में कहा ये कोई साधारण मानव नहीं लगाता है। जिस के पास विक्रमादित्य की वो तलवार है। जिसमें अद्भुत अलौकिक शक्तियां है। 

ओर हमें नहीं पता कौन कौन है । उस अर्जुन के साथ में जिस तरह कि युद्ध करने कि तकनीक से ये लगता है कोई युगों पुराना व्यक्ति विशेष उसके साथ है।



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