Priyanka Gupta

Fantasy

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Priyanka Gupta

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पृथ्वी जैसा ख़ूबसूरत होगा भला डे -19 जादू

पृथ्वी जैसा ख़ूबसूरत होगा भला डे -19 जादू

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"अंतरिक्ष से पृथ्वी कितनी खूबसूरत दिख रही है । ", ऐरोनॉटिकल इंजीनियर व्योम ने कहा ।


"वसुधा ,क्या तुम्हें लगता है कि कोई और ग्रह पृथ्वी जैसा खूबसूरत होगा ?",कम्युनिकेशन इंजीनियर क्षितिज ने पूछा ।


"मेरा मतलब है और कोई ग्रह जिस पर जीवन की संभावनाएं भी हों ,पृथ्वी जैसा ख़ूबसूरत होगा भला । ",क्षितिज ने अपनी बात परिवर्तित करते हुए कहा । 

"क्षितिज ,पृथ्वी पर जीवन की इतनी खूबसूरत उपस्थिति मुझे तो कभी एहसास होता है कि जैसे कोई जादू है । ",बायोलॉजिस्ट वसुधा ने कहा । 

"अरे तुम्हारा तो विकासवादी सिद्धांत जीवन की व्याख्या करता तो है । ",क्षितिज ने कहा । 

"कई बातें हम भी नहीं समझ पाते हैं ;तब ही तो उत्परिवर्तन का सिद्धांत लाये । जो समझ से बाहर है उसे म्युटेशन कह देते हैं । जादू और चमत्कार जैसे शब्दों का इस्तेमाल वैसे ही परिवर्तनों के लिए करते हैं । ",वसुधा ने कहा ।


"अरे ये क्या हो रहा है ? ", तब ही मॉनिटर पर नज़रें गढ़ाये बैठी, जियोलॉजिस्ट निशा ने कहा ।


"क्या हुआ ?", सभी ने उससे एक स्वर में पूछा ।


व्योम ,क्षितिज ,वसुधा और निशा अन्तरिक्ष में स्थित भारतीय स्पेस स्टेशन 'वराह ' में बैठकर आपस में बातें कर रहे थे ।


"पृथ्वी पर पाँचों महासागरों में एक साथ सुनामी आ गयी है । बड़ा भयंकर तूफ़ान आया हुआ है । ",निशा ने बताया ।


5 घंटे बाद 


" पृथ्वी पर किसी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा । ", क्षितिज ने कहा ।


"पृथ्वी पर रेडिएशन का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है । मुझे लगता है ,सुनामी के कारण कोई नाभिकीय दुर्घटना घटित हुई है । रेडिएशन का यह बढ़ा हुआ स्तर जीवन के लिए बहुत बढ़ा खतरा है । ",बायोलॉजिस्ट वसुधा ने कहा ।


"हमें अपने आसपास के दूसरे स्पेस स्टेशन से भी संवाद करना चाहिए । तब ही इस बात की पुष्टि की जा सकती है । ", व्योम ने कहा ।


"तुम सही कह रहे हो । ", निशा ने कहा ।


अन्य स्पेस स्टेशन पर स्थित अंतरिक्ष यात्रियों से बात करने पर इस बात की पुष्टि हो गयी थी ।


पृथ्वी पर जीवन नष्ट होने की बात सुनते ही चारों लोग सकते में आ गए थे । वे सभी अपने अपनों को खो चुके थे । उन्हें नहीं पता था कि ,"क्या अब वे कभी वापस पृथ्वी पर जा भी सकेंगे या नहीं . "


१० वर्ष पूर्व 


भारत के सुदूर पूर्व में एक जनजाति वानर में 10 बच्चों ने जनम लिया था । इन 10 बच्चों के रक्त का रंग नीला था और इस कारण से जनजाति के मुखिया ने उन बच्चों को अशुभ मानकर एक गुफा में बंद कर दिया था । साथ ही कबीले के लोगों को निर्देश दे दिया था कि ," कोई उन्हें बाहर न निकाले । समय -समय पर उनके लिए खाने -पीने का सामान वहीँ दे दें । "


नाभिकीय दुर्घटना के 6 महीने बाद 


"अरे ये क्या है ?ऐसा लग रहा है ,जैसे वहाँ कोई जीवित है । ", वसुधा ने मॉनिटर पर भारत के सुदूर पूर्वी क्षेत्र की तरफ देखते हुए कहा ।


"क्या ?", क्षितिज ने कहा ।


"हम सबको जाकर देखना चाहिए । ", निशा ने कहा ।


"लेकिन क्या पृथ्वी पर जाकर देखना सुरक्षित होगा ?", वसुधा ने पूछा .


"हमारे पास स्पेस सूट हैं । उन पर रेडिएशन का असर नहीं होगा । ", क्षितिज ने कहा ।


चारों लोग पृथ्वी पर उसी स्थान पर पहुंचे । वहाँ उन्हें गुफा के बाहर वे 10 बच्चे खेलते हुए दिख गए । चारों लोग उन बच्चों को अपने साथ लेकर आ गए ।


वसुधा ने बच्चों के शरीर पर रिसर्च किया और उसे पता चला कि बच्चों के रक्त में ऐसे कुछ तत्व थे, जिनके कारण उस पर रेडिएशन का हानिकारक असर नहीं हुआ था ।

"यह तो सही में जादू ही है । बच्चों के रक्त की संरचना एकदम अलग है ;मानो उन्हें उस भीषण दुर्घटना का सामना करने के लिए ही भेजा हो । ",वसुधा ने अपने साथियों से कहा ।


इस रिसर्च ने उन चारों को पृथ्वी पर पुनः मानव सभ्यता को बसाने की एक उम्मीद दे दी थी ।


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