ग्वालियर (म.प्र.) में जन्मे, खरगोन (म.प्र.) में पले बढ़े और बड़ौदा (गुजरात) में स्थाई रूप से बस चुके आशीष दलाल मानवीय संवेदनाओं को शब्दों के रूप में अभिव्यक्ति देने में माहिर है । उनके सरल, सहज व्यक्तित्व की छाप उनके लेखन में उतरती रहती है । वैसे तो लेखन से आशीष का रिश्ता उनके बचपन से ही है लेकिन... Read more
ग्वालियर (म.प्र.) में जन्मे, खरगोन (म.प्र.) में पले बढ़े और बड़ौदा (गुजरात) में स्थाई रूप से बस चुके आशीष दलाल मानवीय संवेदनाओं को शब्दों के रूप में अभिव्यक्ति देने में माहिर है । उनके सरल, सहज व्यक्तित्व की छाप उनके लेखन में उतरती रहती है । वैसे तो लेखन से आशीष का रिश्ता उनके बचपन से ही है लेकिन बीच के कुछ वर्षों के एक लम्बें विराम और अन्तराल के बाद आशीष पुन: लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हुए है । अब तक उनकी अनेक रचनाएं राष्ट्रीय स्तर की विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है । आशीष की लेखनी लघुकथा और कहानियों के माध्यम से समाज में व्याप्त विसंगतियों पर प्रहार करने के साथ जिन्दगी को बेहतर ढ़ंग से जीने का संबल भी प्रदान करती है । ‘उस मोड़ पर’ यह उनकी द्वितीय कृति है लेकिन पहला उपन्यास है । इससे पूर्व उनका प्रथम कहानी संग्रह ‘उसके हिस्से का प्यार’ वर्ष २०१७ में प्रकाशित हो चुका हैं । आशीष की दोनों पुस्तकें अमेजॉन पर उपलब्ध है। उनका लघुकथा संग्रह 'गुलाबी छाया नीले रंग' को गुजरात साहित्य अकादमी द्वारा अनुदान प्राप्त है। साहित्य सृजन कार्य में लगे आशीष फिलहाल पेशे से बड़ौदा में एक प्रतिष्ठित फर्म में मैनेजर के पद पर कार्यरत है । आप आशीष को फेसबुक पर भी फॉलो कर सकते हैं ।
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