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Chandresh Kumar Chhatlani

Abstract

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Chandresh Kumar Chhatlani

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बदनाम रिश्ते

बदनाम रिश्ते

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"माँ वो सिर्फ एक दोस्त है..."

"दोस्ती क्या होती है? ये कोई रिश्ता है? आज के बाद तू उससे मिलगी भी नहीं|"

"लेकिन माँ...."

"चुप कर! खून के रिश्ते ही रिश्ते होते हैं, और कुछ नहीं|"

"फिर आप सामने घर में अकेले रहने वाले सगे भाई-बहन के लिये भी तो......"

"चुप....!"

माँ की गरजदार आवाज़ ने उसे चुप करा दिया|


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