बड़प्पन
बड़प्पन
"सुनो जी, आज पास वाली भाभी जी कह रहीं थीं कि आपके भतीजे साहब आपके लिए बुरा भला कह रहे थे।"
"भला भी या सिर्फ बुरा?", कहते हुए वह मुस्कुरा दिया।
"अजीब बात नहीं है। आपकी तबीयत इतनी ज़्यादा खराब होने पर उनके घर से एक फोन तक नहीं आया और अब जब सभी को यह पता चल गया है तो खिसियानी बिल्ली बन रहे हैं।"
एक सेकंड रुक कर,
"उसके बाप ने पहले छोटे होते हुए भी, माँ की दौलत पर कब्जा किया, वो खुद तो दुनिया से..."
"छोड़ो उसे, सुना है भतीजी का एमबीबीएस में सलेक्शन हो गया है!", वह बात काटते हुए बोला।
"हाँ... तो...!"
"काश! उसका पिता, मेरा भाई ज़िंदा होता, तो कितना खुश होता...!" L
और, उसके होंठों पर उदास मुस्कुराहट थी।
