भूतिया मकान में "किरायेदार भगाओ, डिस्काउंट पाओ"
भूतिया मकान में "किरायेदार भगाओ, डिस्काउंट पाओ"
रवि और मोहन, जिन्हें "किफ़ायती किराए के हीरो" कहा जाता था, एक ऐसा घर ढूंढ रहे थे जो सस्ता हो, शानदार हो, और जहां WiFi फ्री हो। लेकिन उनकी तलाश उन्हें एक ऐसे मकान तक ले गई जिसके बारे में पड़ोसियों ने कहा—"वहां तो चाय बनाने वाला चूल्हा भी भूतों की ही बात मानता है!"
कुछ ने बताया कि वहां एक "बूढ़ा भूत" रहता है जो रात में गाना गाता है: "मैं हूँ या कोई और है, उड़ी बाबा सा क्रेजी हूँ..."
हिम्मत बटोरकर दोनों मकान के सामने पहुंचे। वहां एक बुजुर्ग सज्जन खड़े थे, उनके हाथ में चाय का कप था जिस पर " शिमला" लिखा हुआ था।
रवि ने कांपते हुए पूछा, "अंकल... ये मकान किराए पर देना है?"
बुजुर्ग ने आंखें घुमाकर, गहरी साँस के साथ कहा, "हाँ..."
रवि ने गले का पानी निगलते हुए पूछा, "किसी ने कहा कि इस घर में भूत हैं... क्या आपको पता ह?"
बुजुर्ग ने सिर खुजाते हुए डरावनी आवाज़ में जवाब दिया, "नहीं, मुझे नहीं पता... मैं तो जब तक ज़िंदा था, तब तक तो नहीं थे!"
एक सेकंड का सन्नाटा। फिर...
"हाय राम! ये तो खुद भूत है!" रवि चिल्लाया।
"भागो! नहीं तो ये हमें अपनी अगली हॉरर सीरीज का हिस्सा बना देगा!" मोहन चीखा।
दोनों ने ऐसा भागना शुरू किया कि रवि का चश्मा हवा में उड़ गया और मोहन की चप्पल पेड़ पर लटक गई। पीछे से बुजुर्ग की आवाज़ आई—"अरे बच्चों, ये मेरा नया बिज़नेस आइडिया है! किरायेदार डरकर भागें, तो मैं रेंट 10% कम कर देता हूं! समझे? ऐक्टिंग का शौक है मुझे... नाटक कंपनी में 40 साल काम किया था!"
रवि-मोहन रुके। मोहन ने गुस्से से पूछा, "तो भूत नहीं हैं यहां?"
"अरे नहीं! बस मैं हूं, मेरी बिल्ली मुन्नी है, और ये मेरा रेंटल स्ट्रैटेजी है!" बुजुर्ग हंसते हुए बोले, "चलो, अगर तुमने मेरी एक्टिंग की तारीफ़ की तो 15% डिस्काउंट!"
रवि ने चालाकी से कहा, "अंकल, अगर आप हर महीने एक बार भूत बनकर हमें डराएंगे, तो हम 20% डिस्काउंट में रह लेंगे!"
"डील!" बुजुर्ग ने हाथ मिलाया, "पर शर्त ये है कि तुम मेरी बिल्ली को रोज पनीर खिलाओगे!"
और इस तरह, रवि-मोहन को सस्ता घर मिल गया, बुजुर्ग को अपनी एक्टिंग स्किल्स दिखाने का बहाना, और बिल्ली मुन्नी को रोज पनीर। फिर भी, पड़ोसियों का कहना है—"अब तो वो घर से गाने ने साथ-साथ रोज़ हंसने की आवाज़ें आती हैं..."
शिक्षा:
अगर मकान मालिक भूत बने, तो डरने का नहीं... डिस्काउंट मांगने का भीड़ू!
