लेखक: डैनियल चार्म्स अनुवाद: आ. चारुमति रामदास. लेखक: डैनियल चार्म्स अनुवाद: आ. चारुमति रामदास.
उसके बाद वो किसी और का हो गया और मैं आज भी सिर्फ उसी का कहा जाता हूं। उसके बाद वो किसी और का हो गया और मैं आज भी सिर्फ उसी का कहा जाता हूं।
क्या आप सब भीड़ का हिस्सा हैं? क्या आप एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं ?तो चलो शुरू करते क्या आप सब भीड़ का हिस्सा हैं? क्या आप एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं ?तो चलो शुर...
जो अब तक विलेन लग रहा था अब हमारा हीरो बन गया था। जो अब तक विलेन लग रहा था अब हमारा हीरो बन गया था।
ओर किसी भी दिन इसके मोती टूटकर बिखर जाएंगे। ओर किसी भी दिन इसके मोती टूटकर बिखर जाएंगे।
मैंने चाचाजी को फोन कर विनम्रता से कह दिया कि मैं अपने काम से बहुत खुश हूँ। मैंने चाचाजी को फोन कर विनम्रता से कह दिया कि मैं अपने काम से बहुत खुश हूँ।