बड़ी कातिल है
बड़ी कातिल है
हुज़ूर आपकी अदा बड़ी कातिल है
चाल बला की है, निगाह बड़ी शातिर है
दिल को सम्भलनें का मौका तो दीजिये
एक तीर अभी लगा दूसरा वंही हाज़िर है।
हुज़ूर सलाम ले लीजिये निगाहों का मेरी
आपके लबों का अमृत, कहिये किसकी खातिर है।
शाम हो चली है मन की बात बहुत मनचली है
अभी तो झुकाया है सर, और ये जान भी हाज़िर है।
हुज़ूर आपकी चाहत मेरा सुकुन चैन ले गई
आपको रूबरू देखूं अब तो सब आपकी खातिर है।