Kunda Shamkuwar

Abstract Others Drama Inspirational

4.7  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Drama Inspirational

अपनी अपनी थाली...

अपनी अपनी थाली...

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आज बड़ी मजेदार बात हुयी।बहुत दिनों के बाद आज हमारा ग्रुप लंच टाइम में मिला।सब लोग डाइट और डाइट प्लान के बारे में बातें कर रहे थे।हमारी इस बातचीत में लंच कम और डाइटिंग की बातें ज्यादा थी।सब तरफ हँसी का माहौल था।

यूँही बातचीत में किसी ने प्रोटीन और कॉर्ब इनटेक के बारें में बात करनी शुरू कर दी।दूसरी महिला ने भी बोलना शुरू किया कि बच्चों की बढ़ती उम्र में उनके डाइट का बहुत ध्यान रखना होता है। और वह अपनी सुबह का रूटीन बताने लगी की कैसे वह बच्चों के लिए फ्रूट और ब्रेकफास्ट के साथ साथ लंच भी पैक करके ऑफिस आती है।सब महिलाएँ अपनी ऑफिस और परिवार की इस भागमभाग के बारे में बताने लगी।

बातचीत के दौरान मैंने यूँही उनसे कहा की जिन लोगों के पास खाने के लिए कुछ भी नही होता है जो हैंड टू माउथ होते है उनका क्या? वे कैसे प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के बारे में सोचेंगे?उन परिवारों को पता भी नही की प्रोटीन क्या होता है?हमारी बॉडी को उसकी क्यों ज़रूरत होती है? और जिन्हें खाने के लिए नही होता है वे क्या जाने फ्रूट और उनके फायदे?

यह बात एकदम दुरुस्त है कि महिलाएँ दोनो फ्रंट पर लड़ते हुए परिवार की हेल्थ का भी ध्यान रखती है।लेकिन जिनके घरों के फ्रीज़ में खाने के लिए ढ़ेर सी चीजें होती है।घरों में प्रोटीन से भरपूर ताज़ा खाना होने के साथ साथ कई तरह के फ्रूट्स होते है।बावज़ूद उनके बच्चे मैगी या पिज़्ज़ा का आर्डर देने की ज़िद करते है....

अचानक ऑफिस का प्यून आया और मिसेज वर्मा को कहने लगा, "मैडम बॉस आपको कुछ अर्जेंट काम के लिए बुला रहे है ।"

सारी महिलाएँ फौरन उठ खड़ी हुयी।उन्हें आज के दिन का बाकी काम जो निपटाना था....


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