अजीब इश्क़पार्ट -3
अजीब इश्क़पार्ट -3
अब तक आपने पढ़ा कि निधि के बाऊ जी उसकी परेशानी पढ़ लेते है और उससे पूछने की कोशिश करते है पर वो नही बता पाती उसका कारण वो खुद भी नही जानती अब आगे....
बार बार पूछने पर जब कोई जवाब नही मिला तो निधि के बाऊ जी बोले"चुप रहना किसी समस्या का हल नही है जब तक समस्या क्या है उसका समाधान कैसे होगा कौन सी बात है जो तुमको खाये जा रही है अभी भी वक़्त है अगर इस बियाह को ले कर कोई परेशानी है तो बताओ वरना मैं कुणाल से पूछुंगा"ये सुन कर निधि ओर ज्यादा परेशान अब क्या करे क्या जवाब दे कुछ समझ नही आ रहा था तब इसने कहा"बाऊ जी कुछ नही है ऐसा वो आपको छोड़ के जानेके नाम से मन घबरा रहा है इसीलिए कहीं पर भी चेता नही लग रहा ना यहां न घर मे और न काम में।"पर जो असलियत थी वो वही जानती थी वो खुद को असहज महसूस कर रही थी और इस वक़्त वो अपनी मामा की बेटी अरु को मिस कर रही थी क्योंकि वो उसकी सहेली दोस्त बहन हमराज़ थी वो आने वाली थी उसकी शादी मे शायद आज या कल । बाऊ जी, निधि ओर उसकी माँ बाजार से वापस आये और सब अपने अपने काम मे लग गये क्योंकि खाना तो सब लाते ही खाते थे ।
8 बजे और माँ बाऊ जी नद निधि को आवाज़ दी खाने के लिए निधि ने कहा" 5 मिनट में आ रही हु माँ"। "ठीक है जल्दी आना" मां में कहा
जब तक मां खाना लगती है निधि नीचे आ जाती है आते ही बाउजी से पूछती है "बाऊ जी अरु कब आ रही है कोई फोन आया क्या"बाऊ जी ने कहा "शायद कल सवेरे तक जाये ,कुछ पक्का नही उसका तूफान है वो जब आती है कोई ना कोई शरारत करने की तैयारी करके आती है अबकी देखो क्या फितूर ले कर आती है "निधि बोलती है "एक वही तो है बाऊ जी जिससे मेरी पटती है बाकी सब के लिए तो मैं एकान्तवादी प्रवृत्ति की लड़की हु वही है जो मुझे समझती है मेरे बचपन की साथी सहेली मेरी हमराज़ वही है ना बाऊ जी।"
"बाऊ जी अब सो जाओ कल अरु के आने से जो तूफान आएगा उसके लिए खुद को तैयार भी तो करना है ना बाऊ जी आपको "हंसते हुए निधि बोली। "
"शुभ रात्रि बाऊजी"।निधि बाऊ जी से बोलकर अपने कमरे में चली गयी।
सोचते सोचते कब नींद आई निधि को पता नही चला ।एकदम से किसी के कमरे में आ कर उसके ऊपर से चद्दर खींचने से एकदम से निधि की आंख खुली ओर वो एकदम से उठ बैठी । सामने देखती है उसकी हमराज़ अरु उसके सामने बैठी हस रही थी ।उसे देख कर निधि उसके पीछे भागते हुए बोली"रुक अरु की बच्ची, मैं बताती हूँ तुझे ",भागते भागते जब दोनों तक जाती है तो गले मिलती है और रोने लग जाती है जैसे बरसो बाद मिले हो ।
अरु एकदम से पूछती है "क्या हुआ इतनी जल्दी शादी ,ऐसा क्या हुआ निधि जो इतनी जल्दी शादी कर रहे है अंकल। ऐसा क्या पहाड़ टूट पड़ा निधि ,जो लड़का तुझे देखे नही सुहाता था आज तू उसके साथ शादी करने को तैयार हो गयी।"निधि ने कहा "अरु मत पूछ ऐसा क्या हुआ जो तू सुन सकेगी जो बीत रही है मुझ पर।"अरु, तुझे याद है जब तू पिछली बार आई थी तब हम घूमने गए थे,और वहां पर हमें वो लड़का जिसके साथ मेरे लिए तुम झगड़ा करी थी याद है वो "।अरु बोली "हाँ याद है और वो पीछा करते करते वो घर तक आ गया था पर बाद में तो वो माफी मांग कर बात खत्म कर गया था ना"।
बाकी अगले भाग में.....

