Vibha Pathak

Tragedy Inspirational Others

4.0  

Vibha Pathak

Tragedy Inspirational Others

अच्छे शिक्षक का होना जरूरी है

अच्छे शिक्षक का होना जरूरी है

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देश में एक ओर जहां कोरोनॉ जैसी महामारी फैली हुई थी वही दूसरी तरफ लोग इससे डरकर, मौत को गले लगा रहे है, आर्थिक स्थिति से कमजोर हो चूके लोग हिम्मत हार चूके है, इसमें अब तक सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात जो सामने आई है वो है इलाहाबाद, दिल्ली में सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे छात्रों के जीवन से जुड़ा हुआ है, जिनमें से कुछ ने तो इससे लड़ने से जूझने से बेहतर मौत को गले लगाना आसान समझा


मजबूरी किस हद तक हावी हो गईं की ख़ुद को खत्म करना आसान लगा।। दोष किसे दे, परिवार, समाज, सरकार, कोचिंग या ख़ुद को किसे दे।।

ख़ैर ये आप और हम सब बेहतर समझ सकते हैं।।


एक बात गौर फरमाने वाली है कि अब तक का सबसे ज़्यादा मौत का आंकड़ा छात्रों से जुड़ा है।। आत्महत्या एक गंभीर समस्या बन रही है, बढ़ते हुए आत्महत्या लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे रही है, कि आखिर क्या वजह है, कि लोग ऐसा ठोस कदम उठा रहे हैं। 

इन्हीं सब सवालों के मद्देनजर रखते हुए मेरे जेहन में ख्याल आया है कि अधिकतर लोग जो अपने परिवार के भरण-पोषण और रोजगार की तलाश में गांव से शहर आकर काम करते हैं, उनको उचित प्रकार से कोई भी सुविधा नहीं मिल पाती है। दिल्ली में आने वाले अधिकतर लोग शुरुआत में ताे खुश होते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद वही लोग आत्महत्या और मर्डर के शिकार हो जाते है। 

दिल्ली, हरियाणा में तो बात बात में सीधा गोली चला देते है।। लेकिन हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं है लड़ाई झगड़ा होता जरूर है मगर कोई किसी को जान से नहीं मारता, वो बात अलग है ट्रक अपने आप चल जाएं। ( राजनीति से दूर रहना है यहां)


इसकी वजह इस देश का एजुकेशन सिस्टम है। इस देश में स्डूडेंट सुसाइड के केस अधिकतर पाए गए हैं। जिनमें मुख्य राजस्थान, महाराष्ट्र, बुलंदशहर , दिल्ली हैं।

अगर दिल्ली, इलाहाबाद की बात करें तो आजकल राजनैतिक उत्पातों के चलते इसमें न जाने कितने मासूम जिंदगियां अटकी पड़ी हैं।। 

UPSC, SSC , Police etc...

आज हम उन्हीं के बारे में बात कर रहें हैं। हमारे देश की सरकारी स्कूल की क्या स्थिति है, उसमें किस तरह की सुविधाएं है, क्या नहीं है?

 ये सोचा जाए तो उसमें जो होना चाहिए वो होता ही नहीं है।।

 सिर्फ़ दिल्ली ही क्यूं भारत देश के हर राज्य के सरकारी स्कूलों के फैकल्टी बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक, 


अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छे शिक्षक का होना जरूरी है। मगर सरकारी स्कूल में आप अच्छे शिक्षक की उम्मीद ही नहीं कर सकतें। 

89 % शिक्षक स्कूल में आते ही नहीं और कुछ स्कूल में तो प्रधानाचार्य भी नहीं होते और कुछ स्कूल में तो 90% शिक्षक की पोस्ट की खाली है।

 हमारे देश के बहुत से स्कूल में ढंग की कक्ष ही नहीं हैं। आज भी बच्चों की सड़कों के किनारे या ओवर ब्रिज के नीचे पढ़ाई होती है।


बहुत से स्कूलों में बच्चों को खेलने के लिये Playground भी नहीं है. लैब भी नहीं , कम्प्यूटर नहीं, और है तो काम नहीं करता।

बहुत सारे स्कूल में पीने के लिए साफ़ पानी नहीं है ...

टॉयलेट्स की व्यवस्था नहीं है और अगर है भी तो वो गंदे है. छोटे छोटे बच्चे दिन में 8 घण्टे स्कूल में ही रहते है अगर स्कूल ही साफ नहीं रहेगा तो बच्चे स्वस्थ कैसे रहेंगे ..

4. नंबर फोर मोटिवेशन प्रोत्साहित करना-- तुमसे ये तो हो ही सकता है ठीक से प्रोत्साहित करने से न पढ़ने वाला बच्चा भी पढ़ने का प्रयास कर सकता है इनकरेज करने के लिए हमारे देश के टीचर में सब्र की कमी है।

अपने देश में राइट तो एजुकेशन एक्ट के अनुसार 8th स्टैंडर्स तक एजुकेशन फ्री है मगर क्वालिटी - बढ़ा वाला ???

अभी तक कितने राजनेताओ के बच्चे Government School में पढ़े है | 

अगर ये सवाल पूछा जाये तो न के बराबर ऑलमोस्ट जीरो आश्चर्य की बात ये है की बहोत सारे गोर्वेमेंट स्कूल टीचर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे है |

अगर यही हाल है तो कौन से माँ-बाप अपने बच्चों को Government School में  पढ़ाने की हिम्मत करेंगे। लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने की इक्षा रखते है । प्राइवेट स्कूल में सभी सुविधाएं रहती है ।

मगर फिर फिर बढ़ा वाला क्वेश्चन मार्क ? 

डोनेशन , एडमिशन फीस , कम्पोस डेवलोपमेन्ट फण्ड , बिल्डिंग फण्ड, इन सारे फण्ड के नाम पर पेरेंट्स से लाखों रुपये ऐंठे जाते है। कमाई का आधा हिस्सा अगर बच्चों की फीस में चला गया तो आधे पैसो से घर कैसे चलेगा। संसार की गति रुक जायेगी..


इसी तरह प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने की ताकत नहीं है । और गोरवर्न्मेंट स्कूल में पढ़ाने की इच्छा नहीं है ...उनके बहुत से परिवार मर -मर के जी रहे है ।

इस समस्या का मेरे पास एक सलूशन है ।देश के हर प्राइवेट स्कूल को Nationalize करना चाहिए ।

देश के हर प्राइवेट स्कूल को नॅशनलिजे करना चाहिए ।


और अगर ऐसा हुआ तो इंडिया के सारे प्राइवेट स्कूल को बंद करना पढ़ेगा ।

मगर ऐसा करने से प्राइवेट स्कूल को नुकसान नहीं होना चाहिए जितना उन्होंने खर्च किया है उतना Government उन्हें चूका दे , और स्कूल को अपने कब्जे में ले या स्कूल को लीस पर ले ले....

 ये मुमकिन कहने वालों को बता दूँ की रोड का जब एक्टेशन होता है , एक्टेंशन के लिए जो जमीन ले जाती है ..उस जमीन का पैसा गोरवेनमेंट उन मालिकों को देती है । चाहे वो खेती की जमीन क्यों न हो .....

अगर ये गलत नहीं है तो प्राइवेट स्कूल पर गोर्वेमेंट का कब्ज़ा करना भी गलत नहीं है ।और ये कोई नई बात नहीं कह रही हूँ कई फॉरेन कंट्री में ये चीज़ हो चुकी है ।

सिर्फ अमीरों के बच्चों को सही विद्या मिलेगी ये नहीं चलेगा 

ऑटो चलाने वाले का बच्चा हो या टाटा बिरला का बच्चा हो सबको सरकारी स्कूल में ही पढ़ना चाहिए । 

जो की इंटरनेशनल स्टैंडर से कम नहीं होगा ।

जब ये सब होगा तब हमारा देश कैसा होगा पता है, पढ़ाई करने वालो की संख्या १००% हो जाएगी चाइल्ड लेबर इंडिया से पूरी तरह ख़त्म हो जाएगी ।

तब हमारे देश के नेता लोग उसूल के साथ काम करेंगे, एक निरोगी समाज का निर्माण होगा 


"विद्या पाना इस देश के हर बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार है। उनसे वो छीनकर उनका अपमान करने का हक़ किसी को भी नहीं है।"

ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ये बात पहुँच सके ताकि किसी जिंदगी बच सके, सबको समान शिक्षा मिल सके।।



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