एक जोर का थप्पड़
एक जोर का थप्पड़
शादी के 3 साल के बाद वो पल आ ही गया जिसका विभा इंतज़ार कर रही थी,जिसके लिए अनेको ताने हज़ार बातें सुनती रही,
आज पता चला की वो शादी के 3 साल बाद मां बनने वाली है उसकी खुशी का ठिकाना ही नही रहा, वो सबसे पहले ये ख़ुशी अपने पति को सुनाना चाहती थी ताकि वो देख सके उनके चेहरे का वो खुशनुमा सा अहसास,
विभा बताने ही वाली थी तभी उसके पति की आवाज़ आती है अरे आज खाना मिल जायेगा या भूखे पेट ही सोना होगा,
"कब से आया हूँ खाना तो दे दो"
विभा ने फटाक से थाली लगाई और अपने पति के आगे रख दिया,
और कहा पहले खाना खा लीजिये आप उसके बाद आपको एक गुड न्यूज़ सुनाऊँगी,
विभा के पति ने जैसे ही निवाला मुह में डाला तुरंत थाली उठाके बाहर फेक दी, "तुम्हें समझ नही आता कितनी बार कह चुका हूँ ये फीका खाना, एकदम ठण्डा मुझे मत दिया करो लेकिन तुम्हारे भेजे में मेरी बात घुसती नही?" ऐसा कहते हुए एक जोर का थप्पड़ विभा के गाल पर दे मारा।
विभा ने रोते हुए कहा "अभी तो मम्मी जी खाई, और इतनी छोटी सी बात पर इतना गुस्सा मैं अभी गरम कर देती हूँ" जैसे ही विभा रसोई घर की तरफ़ बढ़ी, उसके पति ने गुस्से में उसके बाल खीचें और वो गिर गई जमीं पर!
"अब तुम जवाब दोगी मुझे, यही सीखके आई हो अपने घर से" और एक लात उसके पेट पर दे मारा, विभा दर्द से चिल्ला उठी, पेट पर नही उसका ये कहना मानों आमंत्रण हो उसके पति के लिए।
वैसे यह पहली दफा तो नही लेकिन आदत भी नही की हर रोज़ वो मार खाये..अगले ही पल पेट का दर्द बढ़ने लगा हॉस्पिटल पहुँचने पर पता चला की उसने अपना बच्चा खो दिया,विभा के सब्र का बांध अब टूट चुका था अब।
इसलिए उसने बड़ी सहनशीलता के साथ सच को स्वीकार किया और चुप चाप बिना किसी से शिकवा शिकायत किये, हॉस्पिटल से वापिस ससुराल आ गई, मायके जा नही सकती थी तो सच को जितना जल्दी स्वीकार ले उतना बेहतर होता है क्योंकि बदलाव करने का बहुत बार सोची कोशिश भी हर बार हार गई । ना किसी का साथ मिला ना हाथ, करे भी तो क्या करे..,?
आपके पास है कोई सुझाव विभा के लिए..?