The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
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Abhishek Gaurkhede

Abstract

4.2  

Abhishek Gaurkhede

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आवाज

आवाज

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निशा लॅकडाउन की वज से अपने घर ना जा पायी, और वह अपने रूम पर अकेली ही थी। उसका ऑफिस चालू था, सब को वर्क फ्रोम होम करने को कहा गया था। निशा का ऑफिस बहुत रात तक चलता था,क्युकी वाहा usa के समय के हिसाब से कार्य होता था। एक दिन वो ऐसे ही बहुत रात तक कार्य कर रही थी, करीब रात के २ बज रहे थे, वो अपना काम कर रही थी, कि तभी उसका फोन बजा, नंबर पहचान का न होने के कारण, उसने उठाना ठीक न समझा। फोन कट हो गया,थोडी देर बाद फोन फिर से, फोन बजने लगा, वही नंबर था फिर उसने फिर से नही उठाया और फोन कट हो गया|

थोड़ी देर बाद फोन फिर से बजने लगा फिर से वही नंबर था, इसबार भी निशा ने फोन नही उठाया, लेकीन वो सोचने

लगी की बार बार कौन फोन कर रहा है, कोई पहचान वाला तो नही, शायद मेरी कोई दोस्त तो नही जिसको जरुरी काम हो, वो ये सब सोच ही रही थी, कि फोन फिर से बज गया और इसबार उसने फोन उठा लिया।

निशा : हेल्लो कौन।

एक अनजान आवाज थी, दर्रावनी और बहुत भारी आवाज मे बोली - ठक ठक ... कब तक बचोगी तुम मुझसे ...मै मौत हू और तुम्हे लेकर ही जाऊगी... और जोर जोर से हसने कि आवाज होने लगी। निशा ने सोचा कोई दोस्त होगा, जो मजाक कर रहा होगा .... तो उसने सारे दोस्तो को फोन लगाये किसी ने फोन उठाया, किसी ने नही, और जिसने भी फोन उठाया बस यही कह रहा था, हम लोगो मे से किसी ने भी तुम्हे फोन नही किया। निशा ने वो नंबर भी बताया लेकीन कोई भी उस नंबर को नही जानता था। थोडी देर बाद फिर से फोन बजने लगा, इसबार निशा ने फोन नही उठाया, और उस नंबर को ब्लोक लिस्ट मे डाल दिया। लेकीन ये क्या फोन फिर से बजने लगा और वोही नंबर आ रहा था, निशा ने डरते डरते फोन उठाया। सामने से आवाज आई .... मुझसे बच कर तुम नही जा सकती। निशा बहुत डर गयी थी, और उसने उसी डर भरी आवाज मे उसे पूछा... लेकीन तुम हो कौन।

सब शांत हो गया थोडी देर के लिये और थोडी देर बाद सामने से आवाज आई ..... तुम्हारी मौत .... और फिर से जोर जोर से हसने की आवाज। अब निशा बहुत ज्यादा डर गयी थी और परेशान भी, उसको कूछ समझ नही आ रहा था, की ये उसके साथ क्या हो रहा है। थोडी देर बाद अब मैसेज भी आने लगे तुम्हारी मौत ... तुम्हे मरना होगा ... निशा को कूछ समझ नही आ रहा था, कि ये सब क्या हो रहा है। वो पागलो जैसे हरकत करने लगी। और उसने खुद को मार डाला ... लेकीन वो आवाज किस कि थी जो उसे बार बार ये कह रही थी, तुम मुझसे बच नही सकती मै तुम्हे मार ड़ालुगी।

निशा के पास एक और फोन था जिसका नंबर उसने अभी ही लॅकडाउन से पेहले लिया था, और घर पर अकेले होने के कारण, उसका दिमाग चीझो को मेहसूस करने लगा था और आखिर मे सब हुआ, उसने खुद के नंबर को उस दुसरे नंबर से बार बार फोन किया, वो निशा ही थी, जिसने नंबर ब्लोक लिस्ट मे डाला और फिर हटा भी दिया, और मैसेज भी खुद किये और अंत मे खुद को मार डाला।


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