Mridula Chandra

Abstract

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Mridula Chandra

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आरज़ू भाग-1

आरज़ू भाग-1

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रागिनी शिफ्ट हो रही थी। सारा सामान तो शिफ्ट हो चुका था पर कुछ ब्रीफ केस और बक्से वो ऑटो में लेकर अपनी बड़ी बहन के साथ आई थी क्योंकि घर की कार में सामान के साथ सबलोग नहीं आ पा रहे थे। रागिनी की बड़ी बहन ने ऑटो से सामान निकाला और ऑटो वाले को चलता किया।सामान ज्यादा था तो रागिनी की बड़ी बहन सामान के पास खड़ी ही गई और रागिनी ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और दो ब्रीफ केस लेकर चलने लगी।भारी था पर किसी तरह रख रख कर सीढ़ी तक पहुँच गई। थोड़ी देर खड़ी रही फिर हिम्मत करके दोनो बैग उठा लिए और सीढियाँ चढ़ने लगी। पसीने से तर ब तर हो रही थी रागिनी। वो बीच मे थोडा रुक गई और सीढ़ियों पर बैठ गई। अपने दुपट्टे से पसीना पोछने लगी। 

तभी एक हैंडसम सा लड़का स्काई ब्लू शर्ट और काली पेंट में कंधे पर लैपटॉप बैग लेकर एक मासूम सी आवाज़ में बोला । आपको कहाँ जाना है ? रागिनी ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा - तीसरे फ़्लोर पर। उसने एक स्माइल किया और रागिनी के दोनों बैग उठा लिए। उस लड़के ने भी गुस्सा दिखाते हुए कहा - चलिए मेरे साथ। रागिनी अचानक दो मिनट के लिए तो डर गई पर वो लड़का किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं था इसलिए उसके पीछे चलने लगी।तीसरे फ्लोर पर आकर उसने बोला - आपका फ्लैट नंबर क्या है ?

रागिनी ने जवाब दिया- 302 . 

उस लड़के ने फिर से बैग उठाया और गेट पर रख दिया और एक प्यारी सी स्माइल के साथ मेरे सामने का दरवाजा खोलने लगा। वो काफ़ी खुश था।कुछ देर तक उसने अपने घर का दरवाज़ा खुला ही रखा।लड़का नज़र नहीं आ रहा था।

रागिनी शायद उसका इंतजार कर रही थी कि उसको थैंक यू बोले पर उसका घर का दरवाज़ा तो खुला था पर वो शायद कमरे के अंदर था। 

रागिनी ने ताला खोला और सामान अंदर कर दिया और जाने लगी। अचानक से वो सामने आ गया और खड़- खड़ की आवाज़ करते हुए उसने भी अपने घर का दरवाज़ा बन्द किया और झट से बोला- तो....झांसी की रानी ...

रागिनी ने हल्का सा स्माइल किया और बोला- मेरा नाम झांसी की रानी नहीं है और सीढ़ियों में जाने लगी।फिर से वही आवाज़ आई ....सुनिए झांसी की रानी ...

रागिनी को उसके मुँह से ये आवाज़ अच्छी लग रही थी।पर फिर भी गुस्सा दिखाते हुए बोली- क्या है ?

लिफ्ट में आ जाइए- लड़का बोला।

रागिनी को अंदाज़ा नहीं था कि यहाँ लिफ्ट भी है। अचानक वो खुश हो गई कि चलो बाकी बैग आराम से आ जाएँगे।

रागिनी ने मास्टर्स में addmission लिया था। अपने आप को कैसे बचाना है,कैसे आगे चलना है वो जानती थी।इस teenager के समय में क्या सावधानियां हमें बरतनी है इन सब का अच्छे से ज्ञान था रागिनी को। रागिनी ने उसके साथ लिफ्ट में जाना ठीक नहीं समझा और सीढ़ियों से चली गईं।नींचे देखा कि वो लड़का उसका इन्तज़ार कर रहा है। उसने ध्यान नहीं दिया और अपनी बड़ी बहन के पास जाने लगी। 

 वो लड़का पार्किंग में चला गया।अपनी कार स्टार्ट की और उसके सामने से निकलने लगा। उसने उसकी तरफ देखा।रागिनी ने अपनी नज़र नीचे ही रखी। उस लड़के ने अपार्टमेंट के गेट पर कार पार्क की और गार्ड से कुछ बोलने लगा।

रागिनी अपनी बड़ी बहन के पास पहुँच कर उसे बताने लगी कि देर क्यों हुई ? तभी वो लड़का फिर आ गया।झाँसी की रानी ....Welcome . रागिनी की बहन को बोला- आपलोग ने 3rd फ्लोर पे शिफ्ट किया है ? हाँ में सिर हिलाया उसकी बहन ने।

लड़का चलता बना ...। रागिनी ने फिर से 2 बैग लिए और चलने लगी। लिफ्ट में सामान डाल कर चलने लगी।इसी तरह 4-5 चक्कर लग गए सभी सामान उठाते उठाते।

आखिर में रागिनी और उसकी बहन जाने लगे। लिफ्ट का इंतज़ार कर रहे थे कि इतने में वो लड़का हाथ में कुछ सामान लिए आ गया।

रागिनी ने अपनी बहन से बोला, आ गया दिमाग खाने। उसने बोलना शुरू किया। आप लोगों ने 302 में शिफ्ट किया है न।

Welcome ...

आगे की कहानी अगले अंक में बताऊँगी।


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