कहानी - आरज़ू ....आगे की कहानी
कहानी - आरज़ू ....आगे की कहानी
विक्रम ने रागिनी को अपने घर के अंदर कर लिया ......पर विक्रम को अचानक न जाने क्या हुआ कि रागिनी को छोड़कर सामने की दीवार पर अपना हाथ पीटने लगा।
रागिनी को ये सब अंदर तक झिंझोड़ गया। एकदम शांत वातावरण हो गया। विक्रम को इस तरह परेशान देखकर रागिनी उसके पास गई और कहा - mr विक्रम ये सब क्या है ?
Sorry रागिनी- मुझे ऐसा करने का कोई हक नहीं था -विक्रम ने कहा
मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मैं शर्मिंदा हूँ। -विक्रम ने कहा
Mr विक्रम आप के मन की बातों से वाक़िफ़ हूँ मैं पर मुझे ये भी पता है कि मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं है।
विक्रम ने अपने आप को दूसरी तरफ करके कहा- आप मुझसे शादी करेंगी। मैंने आपकी आँखों में वो प्यार देखा है। जो मेरी आँखों में है।
विक्रम आप जैसे राजकुमार के साथ शादी करना तो हर लड़की का सपना होता है - रागिनी ने मन ही मन सोचा।
Mr विक्रम मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं है। ....so sorry
रागिनी ने इतना कहा और चली गई।
करीब एक महीने तक रागिनी ने विक्रम को नहीं देखा। कब ऑफिस जाता था कब आता था कुछ पता नहीं चला।
एक दिन रागिनी कॉलेज जा रही थी । लिफ्ट के पास खड़ी थी तभी विक्रम आ गया। आज रागिनी को चैन आया उसे देखकर।
पर आज उलटी गंगा बह गई। रागिनी लिफ्ट के अंदर wait कर रही थी कि विक्रम आएगा पर विक्रम आज सीढ़ियों से नीचे गया।
रागिनी नीचे पहुँची तो विक्रम अपनी कार के सामने खड़ा था। विक्रम ने रागिनी की तरफ बहुत मायूस नज़रों से देखा।
रागिनी को विक्रम की हालत खराब लगी।
क्रमशः