कहानी - आरज़ू ....आगे की कहानी
कहानी - आरज़ू ....आगे की कहानी
रागिनी की घबराहट को विक्रम बड़े ही ध्यान से देख रहा था। छुपाने से कुछ नहीं होने वाला - विक्रम ने रागिनी को गुस्से से कहा, मैं कुछ नहीं छुपा रही- रागिनी ने कहा, अच्छा तो ये बात मेरी ओर देखकर बोल पाएँगी आप- विक्रम ने रागिनी से कहा।
मुझे आपसे कोई बहस नहीं करनी- रागिनी ने गुस्से से कहा। रागिनी को बहुत डर लग रहा था क्योंकि विक्रम आज बहुत कुछ जानने के मूड में था। इसलिए वह वापस कृष्ण जी के झूले के पास आ गई। अपने आस पास की फ्रेंड्स से बात करने लगी। कुछ दूरी पर विक्रम अपार्टमेंट के यंग ग्रुप के साथ बातें करता नजर आया।
विक्रम बातें तो कर रहा था पर उसकी नज़र सिर्फ रागिनी पर थी बहुत ही जल्द विक्रम झूले के पास आने लगा। रागिनी ने वहाँ से जाना ही ठीक समझा। विक्रम ने झट से उसका पीछा किया। रागिनी तेज़ धड़कनों के साथ सीढ़ियाँ चढ़नी शुरू की।
रागिनी अपने फ्लोर पर आ गई थी। विक्रम ने दरवाज़ा खोला और रागिनी का हाथ पकड़ लिया......
आगे की कहानी अगले अंक में......
क्रमशः