आधा - अधूरा सपना ; भाग ३
आधा - अधूरा सपना ; भाग ३
आधा - अधूरा सपना ; भाग ३
विपिन को सपना आये अब करीब दो साल बीत चुके थे । वो अपने पुराने दोनों सपनों को भूल सा गया था । वो अब सत्रह साल का हो गया था और शहर में कॉलेज में पढ़ने लग गया था । वो बारहवीं क्लास में पढता था और मेडिकल की तैयारी कर रहा था । उस के साथ क्लास में अनु नाम की एक लड़की भी पढ़ती थी जो किसी बाहर के शहर से आयी थी और उसके पिता का विपिन के गाँव में ही बैंक में ट्रांसफर हुआ था । वो विपिन के घर से थोड़ी दूरी पर ही रहती थी । अनु बहुत सुंदर थी और विपिन पहली नजर में ही उससे प्यार करने लगा था । दोनों इकठ्ठे ही बस से कॉलेज जाते थे , विपिन उससे हसीं मजाक तो कर लेता था पर अपने प्यार का इज़हार करना उसके बस की बात नहीं थी । मधु भी उसकी अच्छी सहेली बन गयी थी । विपिन के रात वाले सपने तो बंद हो गए थे पर आज कल वो जागते हुए ही अनु के सपनों में खोया रहता था ।
अनु का मधु से मिलने के कारण घर में आना जाना भी लगा रहता था । विपिन को लगता था शायद अनु भी उसे चाहती है पर साफ़ साफ़ उसने भी कभी विपिन को नहीं कहा था । एक दिन रात में बैठे बैठे विपिन सोच रहा था की कल मैं अनु को जरूर अपने मन की बात कह दूंगा । इसी उधेड़बुन में उसकी आँख लग गयी और सपना शुरू हो गया । विपिन और अनु क्लास में बैठे थे और आपस में बातें कर रहे थे की तभी क्लास के गेट पर एक बहुत ही हैंडसम लड़का आया । आते ही उसने अनु को पुकारा । अनु उसे देखते ही उसकी तरफ भागी और जाकर उससे लिपट गयी । विपिन को कुछ समझ में नहीं आ रहा था । अनु ने विपिन की तरफ हाथ हिलाकर बाय का इशारा किया और उस लड़के के साथ क्लास से चली गयी । जब तक विपिन कुछ समझ पता तब तक अनु उस लड़के के साथ मोटरसाइकिल पर वहां से जा चुकी थी । तभी सपना टूट गया । विपिन हड़बड़ा कर उठा । इस बार उसकी आँखों में आंसू थे ।
वो अब सो नहीं पा रहा था । उसे पता था की कल क्या होने वाला है । कॉलेज जाने के लिए वो जब बस में चढ़ा तो बहुत दुखी था । अनु भी उसकी बगल वाली सीट पर बैठ गयी । आज वो बहुत खूबसूरत लग रही थी पर विपिन का मन बहुत अशांत था । वो ढंग से अनु से बात भी नहीं कर रहा था । पर फिर उसने सोचा की जो होना है सो होगा । ये सोच कर उसने अपने मन को समझाया और अनु से पहले की तरह मजाक भरी बातें करने लगा पर उसके चेहरे पर तनाव स्पष्ट दिख रहा था । फिर कॉलेज में सब वैसा ही हुआ जैसे की उसने सपने मैं देखा था ।
अनु के जाने के बाद वो बस में घर वापिस आ गया । वो आते ही सीधा अपने कमरे में गया और रोने लगा । माँ ने जब खाने के लिए पूछा तो उसने ये कहकर मना कर दिया कि भूख नहीं है । सोचता सोचता वो सो गया । शाम को अनु की आवाज से ही उसकी नींद टूटी । अनु मधु से मिलने आयी थी । उसने विपिन को
हैलो कहा पर वो कुछ नही बोला । तभी मधु वहां आ गयी और अनु को अपने कमरे में ले गयी । दोनों बड़ी जोर जोर से बातें कर रहे थे । विपिन को लगा कि दोनों उस लड़के के बारे में ही बातें कर रही होंगी तो उत्सुकतावश कमरे के दरवाजे पर खड़े होकर उनकी बातें सुनने लगा ।
अनु काफी खुश लग रही थी और मधु को बता रही थी की कल हम चारों आगरा घूमने जा रहे हैं । मधु ने उससे पूछा कि पापा, मम्मी और तुम के इलावा ये चौथा कौन है । मधु बोली मेरा एक बड़ा भाई जो दिल्ली में पढता है वो कल ही आया है और सीधा मुझे सरप्राइज देने के लिए कॉलेज आ गया था । कल मैं उसके साथ ही घर आई थी । विपिन को लगा जैसे उसके दिल से किसी ने एक भारी पत्थर हटा दिया हो । ख़ुशी के मारे उसकी आँखों में आंसू आ गए ।
जब अनु अपने घर वापिस जाने लगी तो उसने अनु से पूछा कि तुमने पहले क्यों नहीं बताया कि वो तुम्हारा भाई है । अनु कटाक्ष करती हुई बोली कि तुमने पहले पूछा ही कहाँ था । अनु हँसते हुए विपिन की तरफ बार बार देखती हुई अपने घर चली गयी । विपिन को भी अब यकीन हो गया कि अनु भी उसे चाहती है । वो उस रात सो नहीं पाया ।शायद वो इस ख़ुशी में ही सारी रात गुजार देना चाहता था ।
To be continued