17 जून 2021:
17 जून 2021:
ममता भाभी मेरे पास आईं और कहने लगीं, "पता करो सीमा कहाँ है। वह मुझसे कह कर गई है कि वह शहला के साथ एडमिशन आदि के लिए आई. टी. कॉलेज जा रही है, लेकिन मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। वह जिस तरह के कपड़े पहन कर निकली है वैसे कपड़े पहन कर कोई कॉलेज नहीं जाता है। मुझे तो शक है की वह अनुभव के साथ ही कहीं गई है।"
मैंने कहा, "भाभी बताइए मैं क्या करूं। लगता है यह लड़की हमारी नाक कटवाएगी। मैं अभी पता करता हूँ कि वह कहाँ है।"
मैंने पहले सोचा कि सीमा से सीधे बात करूं। लेकिन मुझे उससे बात करना ठीक नहीं लगा। मैंने शहला को मिलाया तो उसने फ़ोन काट दिया। फिर मैंने बिरजीस आंटी को मिलाया। उन्होंने बताया की दोनों आई. टी. कॉलेज गई हैं। मैंने भाभी से कहा की परेशान न होइये, सीमा शहला के साथ कॉलेज ही गई है।"
भाभी ने कहा, "मुझे अनुभव पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। मुझे लगता है वह सीमा और अनुष्का दोनों के साथ फ़्लर्ट कर रहा है।"
मैंने पूछा, "आप ने अनुभव को लेकर कभी अनुष्का से बात की?"
"नहीं। हम लोगों का रिश्ता देवरानी-जिठानी का है। बात भी बहुत नाज़ुक है। पता नहीं क्या से क्या हो जाए।"
"भाभी आप हम सब के लिए माँ के समान हैं।"
"यह तुम और सीमा समझते हो। अनुष्का नहीं समझ सकती।"
अभी हम लोग बात कर ही रहे थे की इतने में शहला का फ़ोन आ गया। उसने बताया कि वह दोनों आई. टी. आए थे और वह अभी भी आई. टी. में ही है लेकिन सीमा कॉलेज के अंदर नहीं आई। अनुभव भी कॉलेज पहुँच गया था। दोनों कहीं और चले गए। मेरे पूछने पर की दोनों कहाँ गए हैं उसने कहा कि उसने सीमा से पूछा था लेकिन उसने यह कह कर टाल दिया कि जहां अनुभव ले जाएंगे वहाँ चली जाऊँगी। आगे उसने कहा, "भय्या, मुझे लगता है यह लोग किसी पार्क में गए होंगे क्योंकि कल मैंने इन लोगों को पार्क की बात करते सुना था। भय्या किसी को बताइएगा नहीं कि मैंने आप से यह सब बातें की हैं।"
"तुम परेशान मत हो। यह अच्छा ही हुआ की सीमा ने तुम्हें जगह नहीं बताई थी। अब वह तुम पर शक नहीं कर सकेगी। तुम उन दोनों के निकलने का सही सही समय बात सकती हो?"
"जी भय्या, हम लोग दस बज कर पाँच मिनट पर कॉलेज पहुंचे थे और वह लोग फ़ौरन ही निकल गए थे। अरे भय्या मैं सब से ज़रूरी बात बताना तो भूल ही गई। सीमा ने मुझसे दो घंटे कॉलेज में ही रहने के लिए कहा है। वह यहीं आएगी और मेरे साथ ही घर जाएगी।"
"तुम्हारा काम कितनी देर का है?"
"ज़्यादा से ज़्यादा चालीस मिनट लगेंगे।"
मैंने तुरंत राहत को फ़ोन मिलाकर सारी बातें विस्तार से बताईं। उसने कहा कि भय्या आप परेशान न होइए। उनके मोबाईल से अभी उनकी लोकेशन ट्रेस करके उन तक पहुंचता हूँ।
आधे घंटे बाद उसका फ़ोन आया, "भय्या यह लोग जानेश्वर पार्क में एक बेंच पर बैठे हुए हैं। अभी मैं इनके सामने नहीं गया हूँ बताइए क्या करना है। इनके बहुत पर निकाल रहे हैं। कहिए तो अनुभव भय्या के हाथ पैर तोड़ दूँ। इनको बहुत दिनों से देख रहा हूँ। कल भी आप से बच कर यह जिस तरह से सीमा से बात कर रहे थे वह मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।"
मुझे राहत का मिज़ाज पता था। मैंने सोच कि अगर वह उन दोनों के सामने चला गया तो स्वयं को रोक नहीं पाएगा और अनुभव को पीट पाट डालेगा। अब तो उसके पास वर्दी भी है। मैंने उससे कहा, "तुमने बहुत अच्छा किया जो सामने नहीं गय। मैं सीमा से बात करके उसे घर बुलाता हूँ।"
"ठीक है भय्या आप कहते हैं तो मैं उसे छोड़ देता हूँ। लेकिन मुझे शहला की खबर लेना है। बिना उसकी मिली भगत के यह सब कुछ नहीं हो सकता है।"
"छुट्टी मिलते ही मुझसे मिल लेना। उससे पहले शहला को कुछ ना कहना। उसकी कोई ग़लती नहीं है। मैं तुम्हें सारी बात बताऊँगा।"
पहले मैंने सोचा की सीमा से स्वयं बात करूं लेकिन यह सोच कर कि जो लेहाज़ बना हुआ है वह बना रहे, मैंने फ़ोन नहीं किया। भाभी को बुला कर उन्हें सारी बात बताते हुए कहा कि सीमा को यह कह कर बुला लीजिए कि मेरी तबियत खराब लग रही है और वह तुम्हें अपने पास बैठना चाहते हैं। मैंने भाभी से यह भी कहा की आज के बाद से वह ना तो घर से बाहर निकलेगी और न ही अनुभव घर में आएगा।
भाभी के कॉल करने के बाद वह घर आ गई।
रात को राहत आया। ऑफिस से सीधे मेरे पास आया था। पहली बार मैंने उसे वर्दी में देखा था। मैंने उसे बताया कि शहला की कोई ग़लती नहीं है। वह सारी बात मुझे पहले ही बता चुकी है। वह पहले ही बहुत डरी हूई है। उसे कुछ ना कहना।
उसने भी वही बात कही की सीमा और अनुभव की शादी क्यों नहीं करा देते। मैंने वही उत्तर दिया कि मैं उसके चरित्र से संतुष्ट नहीं हूँ।
आज सारे दिन तबियत ठीक नहीं रही। पेशाब करने में बहुत कठिनाई रही।

