15 जून 2021
15 जून 2021
सौरभ से मैंने सीमा और अनुभव के बारे में बात की। अनुभव और सीमा के बीच हुई चैट की मोटी मोटी बातें बताईं। वह भी चिंतित हुआ। उसे विश्वास नहीं था अनुभव सीमा से छुप छुप कर मिलता होगा। जब दोनों सब के सामने मिल सकते हैं तो छुप कर मिलने की क्या आवश्यकता। हम लोगों ने इस बात का एक ही निष्कर्ष निकाला कि अनुभव अनुष्का और सीमा, दोनों से संबंध बनाए रखना चाहता है और इसी लिए अनुष्का की उपस्थिति में सीमा से बात नहीं करना चाहता है।
सौरभ ने कहा, "सीमा से संबंध बनाने की बात समझ में आती है लेकिन मुझे विश्वास नहीं होता कि वह अनुष्का भाभी के बारे में वह ऐसा कुछ सोच भी सकता है। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की अनुभव का चरित्र इतना खराब हो सकता है।"
मैंने कहा, "मैं बहुत दिनों से उन दोनों की बातचीत में आत्मीयता देख रहा था। कानपुर जाने के बाद से दोनों एक दूसरे के और भी निकट आ गए हैं। अब यह एक दूसरे को भय्या भाभी ना कहकर एक दूसरे का नाम लेते हैं। मैंने भी उनको इसकी आज्ञा दे दी है।"
"सम्मान सूचक सम्बोधन रिश्तों पर निर्भर करते हैं आयु पर नहीं मेरे एक ममेरे भाई मुझसे दो वर्ष बड़े हैं और उनकी पत्नी दो वर्ष छोटी हैं। लेकिन व्यवहार और विचार से मैं उनको बड़ी भाभी मानता हूँ। मैं उनका नाम लेने की बात सोच भी नहीं सकता हूँ।"
"तुम मेरे बराबर हो, मेरे परम मित्र हो, अनुष्का तुमसे सात वर्ष छोटी है लेकिन तुमने कभी उसे नाम से नहीं बुलाया।"
"रिश्तों की मर्यादा रखने से विचारों में मर्यादा आती है। सामाजिक रिश्ते धरती में गड़े पहाड़ की भांति नहीं होते हैं जो सदैव एक समान बने रहते हैं। यह तंबू के डंडे की भांति होते हैं जो समतल पर रखा होता है और जिसे सीधा रखने की लिए चारों ओर से रस्सी से खींचे रखने की आवश्यकता होती है।"
"तुम्हें अनुष्का भाभी पर शक क्यों हो रहा है?"
"उसने मुझसे कहा था की अनुभव अपने किसी मित्र के घर पर रुकेगा किन्तु चैट से पता चलता है कि वह अनुष्का के घर पर ही रुका था। मुझे उसके अनुष्का के घर पर रुकने पर आपत्ति नहीं किन्तु उसके अनावश्यक झूठ से लगता है कि वह कुछ छुपा रही है। और कोई किसी बात को तभी छुपता है जब उसके दिल मैं चोर होता है।"
"अनुष्का भाभी तो तुमसे बहुत प्रेम करती हैं। क्या तुमने उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन महसूस किया है।"
"पति पत्नी के बीच प्रेम सम्बन्ध बनाए रखने में शारीरिक सम्बन्धों का बहुत बड़ा योगदान होता है। डॉक्टर के परामर्श के कारण मैं उसे उसका अधिकार नहीं दे पा रहा हूँ। वह जब भी मेरे सामने आती है मैं लज्जित महसूस करता हूँ। मैं नहीं चाहता हूँ कि वह मेरे सामने आए। संभवतः इसी लिए अब वह मेरे पास काम आती है।"
"कोई भी पत्नी अपने पति की दो दिन की बीमारी से परगामी नहीं हो जाती। अनुष्का भाभी तो ऐसा कभी नहीं करेंगी। अपने मन से ऐसे विचार निकाल दो। तुम्हारी बीमारी ने तुम्हारे आत्मविश्वास को शिथिल कर दिया है।"
सौरभ की बातों से बहुत संतोष मिला।
सीमा और अनुभव के संबंध को ले कर उसने कहा, "इन दोनों का विवाह क्यों नहीं कर देते? इससे कई समस्याओं का समाधान एक साथ हो जाएगा।"
"सौरभ मैं जानता हूँ कि अब मैं बहुत दिन जीवित नहीं रहूँगा। अभी अनुष्का और अनुभव के बीच घनिष्ठ संबंध हों या न हों किन्तु यह निश्चित है कि मेरे मरने के बाद दोनों में अनुचित संबंध अवश्य स्थापित होंगे। ऐसे में सीमा का क्या होगा? अनुभव के कारण सीमा अभी से ही अनुष्का से घृणा करती है। यदि अनुष्का की बात न होती तो मैं आज ही सीमा और अनुभव की शादी कर देता। मेरे लिए इससे अच्छी बात क्या होती कि सीमा तुम्हारे संरक्षण में चली जाती"
"तुम्हारी बातें काल्पनिक अवश्य हैं किन्तु सच भी हो सकती हैं।"
"सौरभ मैं अपनी सीमा को तुम्हारे हवाले कर रहा हूँ। मेरे मरने के बाद उसका भला बुरा सोचना तुम्हारी ज़िम्मेदारी होगी। सुनील भय्या बहुत सीधे हैं। उन्हें दुनियादारी बिल्कुल नहीं आती है।"
"यार तुम बार बार मरने की बात क्यों कर रहे हो? एक अंग को छोड़ कर तुम्हारे सारे अंग स्वस्थ हैं। किडनी का भी कुछ न कुछ हल निकलेगा। मेरी डॉक्टर चंद्रा से बात हुई थी। इस बार वह निराश नहीं थे। वह जल्दी में थे इस लिए बात नहीं कर पाए। मैं फिर मिलूँगा."
बातें करके सीमा अभी अभी गई है।
गहरी नींद आ रही है। आशा है पूरी रात सो पाऊँगा।

