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Abhishek Shukla

Romance

5.0  

Abhishek Shukla

Romance

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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सूनी ज़िन्दगी में हलचल महसूस हुई,

बेजान दिल में धड़कन महसूस हुई।

जाने क्यों आज ऐसा लगा,

शायद आज फिर आपकी कमी महसूस हुई।

दिल के किसी कोने में आज फिर अरमान उठे,

दिल की गहराई ने फिर किसी को याद किया।

कुछ दबी ख्वाइशें हुई पूरी,

लेकिन फिर किसी को मिलने की फरियाद हुई।

कहीं कुछ खोया सा लगा,

लेकिन फिर बहुत कुछ मिलने की आस हुई।

फिर किसी की आहट अपनी सी लगी,

दिल के कोने को छूती सी लगी।

वीरानी ज़िन्दगी थी,

वीरान ही सदा के लिए हो कर रह गयी.

न ही किसी की आने की आस थी,

न ही किसी ने इस दिल में आवाज़ दी।

फिर किसी तकलीफ से दिल यह टूटा,

फिर किसी अपने का ही साथ छूटा।

लेकिन फिर भी जिए जा रहे हैं,

किसी अपने की ख्वाहिश में।

एक अनदेखी अनोखी सच्चाई में,

ज़िंदा  हैं अब तक बस इसी आस में,

की शायद कभी कोई इस वीरानी ज़िन्दगी को सँवार दे।

कुछ अनखिले  फूलों को फिर से खिला दे,

कोई हमें भी अपना कह कर ज़िंदा रहने का मकसद दिखा दे!

 

 


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