ज़िन्दगी तूने मुझे बनाया
ज़िन्दगी तूने मुझे बनाया
ज़िन्दगी तूने मुझे बनाया,
सामर्थ्य भी दे, तो तुझे सजाऊँ
तू है जब एक खुली किताब,
तो किस किस से, मैं तुझे छुपाऊँ
पता तो है जब सब कुछ तुझको,
नया है क्या, जो तुझे बताऊँ
आँधी-पानी, खुद आग लगाए,
दे कुछ जिससे तुझे बुझाऊँ।