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Hemisha Shah

Tragedy

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Hemisha Shah

Tragedy

ज़िन्दगी है ...

ज़िन्दगी है ...

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ज़िन्दगी है कभी रूठ जाये तो क्या, 

कुछ सोच दिल में सिमट जाये तो क्या, 


कहने को तो क्या कहें अब

पन्नो पे अल्फ़ाज़ बिखर जाये तो क्या, 


कहते है बहोत मशरूफ ज़िन्दगी

कुछ यादें भूल ना पाए तो क्या,  


अजीब रिवायते हैं ज़िन्दगी की 

जिंदो पे हंसती है 

मुर्दों पे रोती है 

बस..

हर पल संभल जाये तो क्या 

ज़िन्दगी है कभी रूठ जाये तो क्या। 




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