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Praveen Gola

Drama

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Praveen Gola

Drama

ज़िन्दगी और मौत

ज़िन्दगी और मौत

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एक साँस .... आखिरी साँस,

सिर्फ एक साँस का अंतर,

समझा गया ....

ज़िन्दगी और मौत का मंतर।


कुछ पल पहले .... उजाला था,

फिर अचानक से छा गया अंधेरा,

सिखा गया ....

क्या तेरा और क्या मेरा।


मैने कल्पना भी नहीं की थी कभी,

कि मौत दिखेगी जब खड़ी,

तब सोचेंगे हम ....

कि कैसे जुड़ेगी अब ये कड़ी ?


रह गई पीछे यादें,

और कुछ ख्यालात,

अब समझ आया ....

ज़िन्दगी और मौत का साथ।।


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