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Deepa Jha

Romance

3  

Deepa Jha

Romance

यूँ ही चलें

यूँ ही चलें

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आओ हम तुम यूँ ही चलें,

जैसे कोई खुशबू उड़े,

संग ठहरते, बहते, गुनगुनाते चलें,

मंज़िलों की परवाह न हो,

रास्तों पे जीवन जीते चलें,

आओ हम तुम यूँ ही चलें

ऊँचे उड़े, कुछ गलियों में दुबके 

कभी फुसफुसाहट हो, कभी ठहाकों की हो गूँज,

इस सिमटती दुनिया में 

बीते हर पल तेरे संग ही 

आओ हम तुम यूँ ही चलें।

(गीत - रोज़ रोज़ आँखों तले एक ही सपना चले...)



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