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Deepa Jha

Romance

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Deepa Jha

Romance

महकता फूल

महकता फूल

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देती तुझे आवाज़ें हूँ,

कई बार पलट कर आती हूँ;

कुछ खो गया सा लगता है,

राहों पे बेचैन सी नज़र दौड़ाती हूँ;

जो थक जाऊं किसी दिन 

तुझे पुकारते हुए;

इन्हीं राहों की धुल में 

पायेगा तू मुझे इक महकता फूल हुए। 


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