मुझे गुज़रने न देना
मुझे गुज़रने न देना
अब की जो किरण बन आऊं,
मुझे बुझने ना देना
अब की जो बरसूं बन कर बूँद ,
मुझे बह जाने ना देना
अब की जो खिलूँ बन कर फूल,
मुझे मुरझाने न देना
अब की जो झाँकूँ तेरी गली में बन कर चाँद ,
मुझे छुप जाने ना देना
अब की जो छूऊँ बन कर हवा,
मुझे गुज़रने न देना
भर लेना अपनी साँसों में,
समेट लेना अपनी बांहों में,
सजा लेना अपनी निगाहों में,
वो जो सुन ना पाए थे तब,
सुन लेना तुम मेरी अनकही बातों में