युग पुरुष को नमन
युग पुरुष को नमन
युग पुरुष स्वामी विवेकानंद (नरेंद्र)
(पुण्य तिथि पर- कोटि कोटि नमन)
गर्व से कहो हम हिन्दू हैं हम हिन्दू हैं......
हिन्दू ही इस सृष्टि के अमर बिन्दु हैं........
अदृश्य पथ पर बढ़ रही थी,जब देश की जवानी
लय विहीन हो रही थी,राष्ट्र के जीवन की कहानी
पश्चिम की लहर में तेजी से बह रहा था, देश अपना
आत्म विस्मृति के भंवर में,फंस रहा था राष्ट्र अपना
प्रकट हुआ उसी क्षण धर्म संस्कृति का, पीयूष पी कर
प्रज्ञा से भारत का गौरव बढ़ाने, ध्येय आया देह ले कर
हे पूरब के प्रकाश पुंज, तुमने किया प्रकाशित पश्चिम
दशों दिशाओं में लहर-लहर लहराया भारत का परचम
गौरव स्वाभिमान के धनी रहे, ज्ञान विवेक के राजहंस तुम
राष्ट्र का मान बढ़ाया, संदेश दिया दुनियां को अप्रतिम
जैसे "नरेंद्र" नाम में छुपा हुआ था, तमसो मा ज्योतिर्गम
हम युरोप हो या अमेरिका सब को दिखायेंगे, भारत का दम
अलौकिक तेज ओज गौरव के,अथाह प्रशांत सिंधु थे तुम
विचार प्रणवता, संस्कार, संस्कृति, स्वाभिमान से थे हिंदू तुम
तुम्हारी अकाल मृत्यु से, हम सबको बड़ा आघात हुआ
तुम्हारे कृत्य कर्म से भारत का,जग में गौरव गान हुआ
युवाओं के आदर्श वने, प्रखर प्रचंड ऊर्जा का संचार हुआ.
"नरेन्द्र", विवेकानंद हुआ, इतिहास में कालजयी नाम हुआ
उठ कर जागे हैं अब नहीं रुकेंगे,पाये लक्ष्य बिना हम।
