Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rekha Shukla

Tragedy

3  

Rekha Shukla

Tragedy

योग और हर्ष

योग और हर्ष

2 mins
210


सीने से लगाकर ना तो रो पाये ना कंधे से कंधा मिला सके 

दूर भले रहे पर दूरी का फ़ासला न क्यू अलग ना कर सके !

ना मालूम क्यू सच्चाई तुम कह सकते हो हम शोर न कर सके 

रोए इतना की कई रातें हम ना तो सो सके हम ना जी सके !

ख़त लिखे प्यार से पन्ने भर भर के क्यू फिर भी तुम चुप रह सके 

ऐसे मारे मरे आधे कटे अलग हरशांदु और योगेश जी सके !!

पर वो आगे चले तुम वही खडी थम गई रहमी सहमी न मर सके

एहसास है पर मौत भी ना हमें आ सकी सोचा न था अक्सर 

यू औक़ात लोग दिखाए और तुम ख़ामोश प्रभु रह सके ?? 

बच्चे मेरे दिल के टुकड़े जिगर से अलग ना कर सके ना हम जी 

सके क्या आराम से योगेश उत्कल अक्षय मेरी साँसो से अलग 

आप सब जी सके !! मजबूर निर्बल अब नहीं ये साबित कर सके !!

क्या एक दिन हम फिर कही दिल से मिल सकेंगे ? 

कह दो ना झूठ ही सही सुकून तुम पा सके !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy