यह प्यार की बातें हैं।
यह प्यार की बातें हैं।
यह प्यार की बातें हैं जिन्हें प्यार हुआ जाने,
दुनिया इन्हें क्या समझे दुनिया इन्हें क्या जाने।
दर्दों में जहां भर के यह सब से निराला है,
यह दर्दे मोहब्बत है इसे अहले वफा (प्रेमी जन )जाने।
यह कांच की किरचों सा अंग अंग में चुभता है,
है दर्दे-शिकस्ता -दिल (टूटे हुए दिल का दर्द )
साबुत दिल क्या जाने।
गमे इश्क से फुर्सत हो दुनिया का हुनर सीखें,
तेरे इश्क में दीवाना क्या मक्रो -रिया (छल-कपट)जाने।
कर शम्मे- मोहब्बत से तारी किए -दिल
(दिल का अंधेरा) रोशन,
जब लुत्फे -जहां समझे तब राजे- खुदा जाने।
क्यों होशो - खिरद ( चेतना और बुद्धि )
की तुम करते हो यहां बातें,
दिल मस्त फकीर अपना यारों इन्हें क्या जाने।
मुर्शिद की इनायत से यह भेद खुला "नीरज",
दिल जिस में लगा बैठे उसको ही खुदा जाने।

