यह कौन सा मोड़ आया ?
यह कौन सा मोड़ आया ?


यह कौनसा मोड़ आया ?
चारो तरफ धुआँ ही धुआँ ...
हर तरफ मौत दिखाई दे
घनघोर अँधेरा छाया हुआ
सब कुछ रुका- रुका सा
हर दिल सहमा सहमा सा
भूखे, कंगाल सभी ...
मय्यत से जैसे आये अभी
करे भी तो क्या करे ?
लाचार, बेबस घर में क़ैद
घुट घुट के कब तक जिये ?
कब तक मौत का तमाशा देखे
हर कोई मजबूर यहां ...
भूख से, कोरोना के डर से
खाली पेट सोये कैसे ?
सो गया जैसा सारा जहां
दोस्तों ! यह वक्त भी गुजर जायेगा
घर में रहे, हिम्मत न हारे सभी
मुश्किल घड़ी हाथ पकड़ के चलना है...
पुलिस, डॉक्टर, सरकार की साथ दे
वह बेचारे जान पर खेलकर लड़ रहे हैं
हम तो घर में सुरक्षित हैं बिलकुल
हम को तो सिर्फ साथ उनका निभाना है
मनोबल उनका ऊँचा रहे बस दुआ करें