यह जिंदगी...
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निराश हुं जिंदगी से कि,
एक पल में खुशी से तो दूसरे पल में मायूसी से ,
हर एक पल में बदल जाती है यह जिंदगी,
कभी बहुत बड़े सपनों से रुबरु करवाती है य जिंदगी,
तो कभी ख्वाबों को टूटता दिखाती है ये जिंदगी
अब तो निराश हुं जिंदगी से कि,
हर बार ऐसे क्यु बहलाती है ये जिंदगी,
कई बार बिखर के टूट जाने का भी दिल करता है,
लेकिन तभी हंसना सिखा जाती है ये जिंदगी,
फिर भी हर एक सांस पर समझौता कर रही है यह जिंदगी,
ख्वाब तो आसमान छूने के हैं,।
लेकिन ख्वाबों से पहले दुनियादारी को आगे बढ़ा देती है यह जिंदगी ,
शिखर की आखिरी चोटी पर जाकर
अपने नाम की पहचान छोड़ना चाहती है यह जिंदगी ,
लेकिन अक्सर इतनी ऊंचाई से
गिर जाने के डर से सहम जाती है यह जिंदगी,
कभी अपनी खुशियों के लिए तो कभी
अपनों की खुशियों के लिए लड़ता दिखाती है यह जिंदगी,।
कभी अपने आप को मिटा देने का तो कभी
यह जिंदगी बहुत अहम है यह एहसास दिलाती है यह जिंदगी,
लेकिन हर मुश्किल का डटकर
सामना करना सिखाती है यह जिंदगी,
वक्त चाहे जो भी हो उसकी गर्दिशों का
सामना करना करना सिखाती है यह जिंदगी,
अपने ख्वाब पूरे होने पर अपने से ज्यादा अपनों की
खुशियों से रूबरू करवाती है यह जिंदगी,
कभी उसे खत्म करने का मत सोचना क्योंकि
एक ही बार में अपने और गैरों का फर्क समझाती है यह जिंदगी.........