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AJAY AMITABH SUMAN

Abstract

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AJAY AMITABH SUMAN

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मेरे गांव में शामिल शहर:II

मेरे गांव में शामिल शहर:II

2 mins
365


हाल फिलहाल में मेरे द्वारा की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मैंने जो बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका काव्यात्मक वर्णन मैंने अपनी कविता "मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर" के प्रथम भाग में की थी। ग्रामीण इलाकों के शहरीकरण के अपने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी। जहाँ गाँवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है, छोटी छोटी औद्योगिक इकाइयाँ बढ़ रही हैं, यातायात के बेहतर संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं तो दूसरी ओर शहरीकरण के कारण ग्रामीण इलाकों में जल की कमी, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि सारे दोष जो कि शहरों में पाया जाता है , ग्रामीण इलाकों में भी पाया जाने लगा है , और मेरा गाँव भी इसका अपवाद नहीं रहा। शहरीकरण के परिणामों को रेखांकित करती हुई प्रस्तुत है मेरी इस कविता "मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर" का द्वितीय भाग।


मेरे गाँव में होने लगा है 

शामिल थोड़ा शहर

[द्वितीय भाग]


मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर,

फ़िज़ा में बढ़ता धुआँ है 

और थोड़ा सा जहर।


हर गली हर नुक्कड़ पे 

खड़खड़ आवाज है,

कभी शांति जो छाती थी 

आज बनी ख्वाब है।


जल शहरों की आफत  

देहात का भी कहर,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


जो कुंओं से कूपों से  

मटकी भर लाते थे,

जो खेतों में रोपनी के  

वक्त गुनगुनाते थे।


वो ही तोड़ रहे पत्थर  

दिन रात सारे दोपहर, 

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


भूँजा सत्तू ना लिट्टी ना 

चोखे की दुकान है,

पेप्सी कोला हीं मिलते 

जब आते मेहमान हैं।


मजदूर हो किसान हो 

या कि हो खेतिहर ,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


आँगन की तुलसी अब  

सुखी है काली है,

है उड़हुल में जाले ना  

गमलों में लाली है।


केला भी झुलसा सा  

इमली भी कटहर ,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


बच्चे सब छप छप कर  

पोखर में गाँव,

खेतिहर के खेतों में    

नाचते थे पाँव।


अब नदिया भी सुनी सी  

पोखर भी नहर,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


विकास का असर क्या है  

ये भी है जाना, 

बिक गई मिट्टी बन   

ईंट ये पहचाना,


पक्की हुई मड़ई  

गायब हुए हैं खरहर ,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।


फ़िज़ा में बढ़ता धुआँ है 

और थोड़ा सा जहर,

मेरे गाँव में होने लगा है  

शामिल थोड़ा शहर।



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